संस्कारों की साधना में समर्पित दो दिवसीय सरस्वती संस्कार केंद्र शिविर का भव्य समापन

पं. दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर,लखीमपुर खीरी में विद्या भारती अवध प्रांत का सफल आयोजन
प्रांजल केसरी
लखीमपुर खीरी। विद्या भारती अवध प्रांत द्वारा संचालित दो दिवसीय “सरस्वती संस्कार केंद्र शिविर”का समापन समारोह पं. दीनदयाल उपाध्याय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज (सीबीएसई बोर्ड),लखीमपुर खीरी के पावन प्रांगण में गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। सेवा क्षेत्र की शिक्षा एवं संस्कृति को समर्पित इस शिविर में पाँच संस्कार केंद्रों के छात्र-छात्राओं तथा उनके अभिभावकों ने सहभागिता कर इस आयोजन को सफलतम स्वरूप प्रदान किया।

समापन सत्र का शुभारंभ माँ सरस्वती के श्रीचरणों में माल्यार्पण, पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। मंच पर मुख्य अतिथि प्रांत सेवा संयोजक सुरेश मणि सिंह,मातृ भारती की उपाध्यक्ष अंशु बाजपेई,कोषाध्यक्ष शन्नो तिवारी तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविन्द सिंह चौहान उपस्थित रहे। अतिथियों का पारंपरिक विधि से रोली,बैच एवं पुष्पगुच्छ अर्पित कर आत्मीय स्वागत किया गया।

प्रधानाचार्य चौहान ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय कराते हुए उनके जीवनवृत्त एवं कार्यक्षेत्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिविर के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए इसे राष्ट्र निर्माण में संस्कारों की भूमिका का महत्वपूर्ण माध्यम बताया।
शिविर के अंतर्गत भाषण,चित्रकला,एकल गीत,निबंध तथा सुलेख जैसी रचनात्मक एवं बौद्धिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का श्रेष्ठतम प्रदर्शन करते हुए उपस्थित जनसमूह को अभिभूत कर दिया। समापन सत्र में प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया।

विजयी प्रतिभागियों की सूची इस प्रकार रही:
भाषण प्रतियोगिता में
प्रथम-रुचि (महेवागंज),द्वितीय-समृद्धि सिंह (पंडितपुरवा),तृतीय-माही भारती (गोतैयाबाग)
चित्रकला प्रतियोगिता में
प्रथम-कल्पना (महेवागंज),द्वितीय-दिनेश (महेवागंज),तृतीय-अमित सिंह (गोतैयाबाग)
एकल गीत प्रतियोगिता में
प्रथम-संध्या (महेवागंज),द्वितीय -राज लोधी (बेलराया),तृतीय-समृद्धि सिंह (पंडितपुरवा)
निबंध प्रतियोगिता में प्रथम-रुचि (महेवागंज),द्वितीय-माही भारती (गोतैयाबाग),तृतीय-नैतिक वर्मा (बेलराया)
सुलेख प्रतियोगिता में प्रथम-प्रियांशु (महेवागंज),द्वितीय-रंजना (महेवागंज),तृतीय-मुदित (महेवागंज)

मुख्य अतिथि सुरेश मणि सिंह ने अपने उद्बोधन में संस्कारों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को उत्तम चरित्र निर्माण हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियाँ न केवल ज्ञान की परिधि बढ़ाती हैं,अपितु जीवन को मूल्यनिष्ठ भी बनाती हैं।

समापन अवसर पर विद्यालय के उप प्रधानाचार्य आलोक अवस्थी ने उपस्थित अतिथियों,आयोजकों,अभिभावकों,विद्यार्थियों एवं आचार्यगणों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए आयोजन की सफलता को सभी के सामूहिक सहयोग का परिणाम बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि यह शिविर विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास एवं राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध होगा।