राष्ट्रीय

गंगोत्री से ही गंगा मैली,एनजीटी ने दिए जांच कराने के निर्देश

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प्रांजल केसरी
हरिद्वार। गंगा की निर्मलता और स्वच्छता के तमाम दावों के बीच गंगोत्री से ही गंगा में सीवेज गिर रहा है। शोधन के बाद भी गंगोत्री के गंगाजल में सीवर जनित फीकल कालीफार्म की मात्रा ज्यादा मिली है। जिस पर एनजीटी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने इस प्रकरण में उत्तराखंड के मुख्य सचिव को जांच कराने के निर्देश श दिए हैं। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष की गई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि गंगोत्री में राज्य की रिपोर्ट के अनुसार एक मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) क्षमता वाले एसटीपी में फीकल कालीफार्म की मात्रा मानक से अधिक पाई गई है। यह मात्रा एकत्र नमूने में 540/100 मिलीलीटर एमपीएन पाई गई है । फीकल कालीफार्म का स्तर मनुष्यों और जानवरों के मलमूत्र से निकलने वाले सूक्ष्म जीवों से प्रदूषण को दर्शाता है। अगली सुनवाई अब अगले साल 13 फरवरी को होगी।

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