प्रयागराज / वाराणसीराष्ट्रीय

सुंदर साध्वी को लेकर क्या कह गए महंत रवींद्र पुरी,हर्षा रिछारिया मां भगवती का रूप,महंत ने सबको दे डाली नसीहत

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संपादक नागेश्वर चौधरी
प्रयागराज। गंगा की धरा पर 13 जनवरी से विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ शुरू हो गया है।महाकुंभ में वायरल हो रही एंकर और मॉडल हर्षा रिछारिया को लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बयान दिया। महंत ने कहा कि हर्षा रिछारिया मां भगवती का रूप है,हमारे उत्तराखंड की बेटी है,उनके बारे में गलत कहना कतई उचित नहीं है। महंत ने कहा है कि जब कोई व्यक्ति संत बनता है तो तुरंत कोई निर्णय नहीं लिया जाता है,बल्कि संत बनने की प्रक्रिया लंबी होती है।कई बार दो और 5 साल में भी लोग संत बनने के बजाय गृहस्थ जीवन में वापस चले जाते हैं।
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि मॉडल और एंकर हर्ष रिछारिया साध्वी बनेंगी या फिर शादी कर घर बसाएंगी इसका फैसला उन पर ही छोड़ देना चाहिए।महंत ने कहा है कि इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए क्योंकि यह उनके जीवन का सवाल है।
महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि वैराग्य कई तरह के होते हैं,कई बार क्षणिक वैराग्य होता है,कई बार गरीबी और कई बार बहुत अमीरी में वैराग्य आ सकता है,कई बार किसी परिजन की मृत्यु से वैराग्य आ जाता है,कभी-कभी क्षणिक वैराग्य भी काम कर जाता है। महंत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ज्यादा अमीर नहीं थे,लेकिन उन्हें वैराग्य हुआ,जबकि गौतम बुद्ध और भगवान महावीर अमीर थे उसके बाद भी उन्होंने वैराग्य धारण किया।
ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की आयोजित की जा रही परम धर्म संसद में सनातन संरक्षण परिषद यानि सनातन बोर्ड का गठन किए जाने के ऐलान का अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्रपुरी ने विरोध किया।महंत ने कहा है कि हमें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।महंत ने कहा है कि यह बोर्ड उनका हो सकता है, लेकिन इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।इस देश में सभी को कुछ भी करने का अधिकार है,लेकिन सनातन बोर्ड के गठन का उद्देश्य सरकार के नियंत्रण में जो मठ मंदिर है उन्हें मुक्त कराना होना चाहिए।
महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि सनातन बोर्ड में सभी अखाड़ों को शामिल किया जाना चाहिए और ईमानदार सदस्य होने चाहिए।सनातन बोर्ड का गठन कैसे होगा और इसका प्रारूप क्या होगा इसको लेकर 27 जनवरी को धर्म संसद महाकुंभ मेले में बुलाई गई है।इसमें भी सनातन बोर्ड गठित नहीं होगा,बल्कि सभी राज्यों में जाकर सनातन बोर्ड के स्वरूप पर चर्चा की जाएगी,सभी साधु संतों से सुझाव लेने के बाद ही इसका प्रारूप तय किया जाएगा।
महंत रवीन्द्र पुरी ने कहा कि सनातन बोर्ड के गठन में जल्दबाजी करने से बेईमानी हो जाएगी,क्योंकि हमें सभी को साथ लेकर चलना है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सनातन बोर्ड में सभी अखाड़ों को बतौर सदस्यों शामिल करने की बात कही गई है और 54 सदस्य बनाए गए हैं। महंत ने कहा यह उनका बोर्ड होगा। सपा मुखिया अखिलेश यादव के मकर संक्रांति के पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ में ना आकर हरिद्वार में गंगा में आस्था की डुबकी लगाने और उसका फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को लेकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने प्रतिक्रिया दी है। महंत ने कहा है कि अखिलेश यादव यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और बहुत अच्छे इंसान हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि भले ही वह प्रयागराज महाकुंभ नहीं आए,लेकिन हरिद्वार में गंगा स्नान कर अपना पाप धोने तो गए।

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