धार्मिक और अध्यात्म
मातु शारदे


मातु शारदे तव चरणों में वन्दन है अभिनंदन है।
सीत वसना हे हंस वाहिनी श्वेत कमल पर आसान है।।
मातु शारदे—————
वीणा पुस्तक अक्षमाल कर,वर मुद्रा वरदान मिले।
ज्ञान देवि माँ ज्ञान कोष से,सबको सच्चा ज्ञान मिले।।–2
सभी सुखी हो सभी निरामय अभिलाषा ये पावन है।।
सीत वसना हे————–
समरसता रस छंद प्रेम का अलंकार सुविचार भरो।
अन्धकार का नाश करो माँ जीवन पथ उजियार करो।।–2
तेरे अर्चन से हो जाता तन कुंदन मन चन्दन है।।
सीत वसना हे————–
जड़ जीवन को नवचेतन दो राष्ट्र प्रेम का भाव जगे।
भ्रातृभाव फैले समाज में सबके लिए लगाव लगे।।–2
शब्द शब्द मोती तरंग में अर्थ अर्थ मनभावन है।।
सीत वसना हे————-
—अभिमन्यु शुक्ल तरंग