गोरखपुर

13 जनवरी को नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर हुआ का आयोजन

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मुन्ना अंसारी राज्य ब्यूरो
बस्ती –गोरखपुर। अस्पताल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रभावी कैंसर निदान और उपचार सेवाएं सभी के लिए सुलभ हों। इन सुविधाओं की पहुंच वंचित क्षेत्रों खासकर ग्रामीण आंचल में आम जनता एवं निम्न आर्थिक स्थिति के लोग जो वित्तीय अपर्याप्तता के कारण नियमित स्वास्थ्य जांच करने में विफल रहते हैं उन तक बढ़ाने के लिए एक ठोस प्रयास भी शामिल है। जैसे-जैसे देश के विभिन्न ग्रामीण हिस्सों में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ती है और कैंसर का इलाज आसानी से उपलब्ध होता है,अगले कुछ वर्षों में भारत में कैंसर के मामलों की संख्या में कमी आना निश्चित है। इसी दृष्टिकोण के तहत हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान,गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी-बस्ती के सहयोग से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र,आमा टिनिच,बस्ती,के प्रांगण में आज दिनांक 13 जनवरी 2025  दिन सोमवार को प्रातः 10:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

जिसमें आए 110 मरीजों में कैंसर संबंधित लक्षण की जांच की गई। इनकी समस्या समझकर कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सी. पी. अवस्थी ने बारी बारी से हर एक का मूल्यांकन कर उनमें कैंसर होने की लक्षण की जांच की तथा उचित सलाह और परामर्श दिया। सहायक चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कैंसर के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया की अगर उचित टीकाकरण हो  जैसे नई ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एच०पी०वी० वैक्सीन) आदि तब भविष्य में कैंसर रोगियों की संख्या में काफी गिरावट आ जाएगी। इसलिए ऐसे टीकाकरण के लिए लड़कियों को आगे आना चाहिए। महिलाओं को स्तन परीक्षण की स्वयं तकनीक बताई ताकि वह हर 15 दिन पर खुद जांच करती रहें और यदि कोई गांठ या सीने में दर्द होता है तो तुरंत एक कैंसर चिकित्सक से मिले ताकि उसका सफल इलाज हो सके। सभी दिखाने आए मरीजों को कैंसर अस्पताल की तरफ से भरपूर मात्रा में निशुल्क दवा भी दी गई।
कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आए सभी लोगों को बुलाकर कैंसर जागरूकता अभियान के तहत शिविर प्रबंधक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि भारत में मौखिक कैंसर की उच्च घटना पान (तंबाकू के साथ या बिना) व गुटका चबाने,धूम्रपान और शराब के उच्च प्रसार के कारण है। भारत में कैंसर के इस उच्च प्रसार का कारण लोगों में जागरूकता की कमी,स्वयं की उपेक्षा और देर से प्रस्तुति,चिकित्सकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जागरूकता की कमी और प्रारंभिक निदान के संबंध में ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी,वैकल्पिक प्रणालियों और नीम-हकीमों का प्रचलन है। जिन्हें कैंसर और इसके प्रबंधन,प्रचलित तम्बाकू,धूम्रपान और शराब के उपयोग,गरीबी और संसाधन की कमी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में, कई लोग कैंसर को संक्रामक रोग मानते हैं और इसे परिवार के लिए वर्जित मानते हैं जिससे अलगाव होता है। कैंसर केंद्र से निवास की दूरी भी कैंसर रोगियों में देर से प्रस्तुति और खराब जीवित रहने के लिए जिम्मेदार है। ग्रामीण इलाकों में युवाओं के बीच तंबाकू की लत आग में घी डालने का काम करती है,जो भारतीय आबादी में मौखिक घातकता के प्रमुख कारण के लिए जिम्मेदार है।


कैंसर से बचाव के लिए धूम्रपान तम्बाकू,गुटका,शराब आदि का सेवन करना तम्बाकू और शराब के सेवन से भी मुंह के कैंसर से कोई ग्रसित हो जाता है। इसलिए इनका सेवन कतई नहीं करना चाहिए। जंक फूड न खाकर खाने में ब्रोकली के अलावा लहसुन,प्याज,अदरक,हल्दी, पपीता,कीनू,संतरे,गाजर,आम,कद्दू,अंगूर,टमाटर,तरबूज,फलियां और दाल के सेवन से भी कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकते हैं।सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक,विवरण पुस्तिका,फ्लिपबुक, पोस्टर,लीफलेट/चित्रों के साथ पैम्फलेट आदि वितरित किया गया ताकि वे अपने क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित कर और लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।
शिविर में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रमज़ान अली,डॉ. राकेश श्रीवास्तव,डॉ. अनुपमा पांडेय,अजय श्रीवास्तव,राम नयन यादव, सत्यवती तिवारी,अतुल पांडेय,सुनीता चौहान,विजय्लक्ष्मी,नारद मुनि,रामसूरत सिंह, स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य विशेष सराहनीय रहा।

 

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