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तानाशाही और अधिनायकवादी अंतःकरण वाले नहीं देख पा रहे विकास : मुख्यमंत्री

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संपादक नागेश्वर चौधरी
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के कई नेताओं का नाम लिए बिना उन पर करारा शाब्दिक प्रहार करते हुए कहा कि जिन लोगों के अंतःकरण में तानाशाही और अधिनायकवादी भाव है वह विकास को पनपते हुए, आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं। ऐसे लोग अपना और अपने परिवार का विकास चाहते हैं और इन लोगों को सबका साथ-सबका विकास स्वीकार्य नहीं है। ऐसी विचारधारा के लोगों ने 1975 में आपातकाल लागू कर मीडिया पर सेंसर लगाया था और आज भी समय-समय पर मीडिया के विरोध लेकर फतवे जारी करते रहते हैं।
रामगढ़ताल क्षेत्र स्थित एक होटल के सभागार में सीएम योगी शनिवार सुबह एक प्रमुख मीडिया समूह के ‘उत्सव अभिव्यक्ति का’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने खुद को परिवार तक सीमित रखा। अपना और परिवार का ही विकास किया। उन्होंने प्रदेश के समग्र विकास को प्राथमिकता नहीं दी। इसका नतीजा यह हुआ कि यूपी के नागरिकों के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया। पिछली सरकारों में किसान आत्महत्या करने को मजबूर रहे, गरीब भूख से मरते रहे, महिलाओं और व्यापारियों को असुरक्षा का शिकार होना पड़ा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज डबल इंजन की सरकार में सबके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हुए आज का उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था के लिए ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा कि 2017 के पहले तक यूपी को बीमारू राज्य और विकास में बैरियर माना जाता था, जबकि आज यह विरासत और विकास की शानदार यात्रा का एक बेहतरीन मॉडल बन गया है। सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 तक आजादी के बाद की 70 सालों की यात्रा में यूपी की अर्थव्यवस्था 12.75 लाख करोड़ रुपये थी। जबकि डबल इंजन सरकार में महज 8 वर्ष में यूपी की अर्थव्यवस्था 30 लाख करोड़ रुपये की हो गई है। इसी प्रकार 2017 में प्रति व्यक्ति आय 46 हजार रुपये थी। यह बढ़कर 1.10 लाख रुपये हो गई है। विरासत के संरक्षण, जनकल्याण और विकास की यूपी की यात्रा निरंतर आगे बढ़ रही है।
पिछली सरकारों ने दिया वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया,अब वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन सरकारों ने वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया दिया जबकि 2017 के बाद आई डबल इंजन सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज देकर इस राज्य की पहचान को बहाल कराया है।
सीएम योगी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की सामान्य भी जानकारी रखने वालों को पता होगा कि जब देश आजाद हुआ था तब उत्तर प्रदेश टॉप की अर्थव्यवस्था था लेकिन आजादी के बाद सरकारों के रवैये से इसकी अर्थव्यवस्था नीचे गिरती गई। 1947 से 50 के आसपास यूपी की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से अधिक थी लेकिन 2017 में यह राष्ट्रीय औसत के एक तिहाई पर आ गई। 2017 से सरकार ने प्रयास शुरू किए तो आज उत्तर प्रदेश की पहचान देश की तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 2017 के पूर्व एक एक्सप्रेसवे था जबकि आठ सालों में छह एक्सप्रेसवे बन गए हैं और सात पर काम चल रहा है। 2017 के पहले सिर्फ एक सिटी में मेट्रो ट्रेन थी, आज छह शहरों में मेट्रो की सेवा है। हाइवे का सबसे बड़ा नेटवर्क आज यूपी में है। इंटर स्टेट कनेक्टिविटी बेहतरीन है। पहली रैपिड रेल और पहले इनलैंड वाटरवे की सेवा यूपी ने शुरू की है।
सीएम योगी ने 2017 के पहले के उत्तर प्रदेश की चर्चा करते हुए कहा कि तब पहचान का संकट इस कदर था कि यूपी के कई जिलों के नाम पर बाहर धर्मशाला में कमरा तक नहीं मिलता था। उन्होंने कहा कि 2013 में यूपी के एक मंत्री विदेश दौरे पर गए थे। यूपी के नाम पर जांच के लिए एयरपोर्ट पर उन्हें नंगा करके खड़ा कर दिया गया। उन्हें बैरंग वापस आना पड़ा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश और प्रदेश की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए सबका साथ-सबका विकास सिर्फ नारा नहीं बल्कि सामर्थ्य का मंत्र है। समग्र विकास की यात्रा के लिए साथ-साथ चलना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। जब वह पीएम बने थे तब भारत दुनिया की 11वीं अर्थव्यवस्था है जबकि आज उनके नेतृत्व में पांचवीं अर्थव्यवस्था बन चुका है। अगले दो वर्ष में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक पीएम मोदी ने विकसित और आत्मनिर्भर भारत की जो संकल्पना की है, उसके लिए सामने आने वाली चुनौतियों का सामना मिलकर करना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पूर्व के गोरखपुर के सामने पहचान का संकट था। कनेक्टिविटी का अभाव था, युवाओं के सामने पलायन की मजबूरी थी, अव्यवस्था का दौर था, उद्योग बंद हो रहे थे, जिला बाढ़ और मलेरिया-इंसेफेलाइटिस जैसी तमाम बीमारियों की चपेट में था। एक दौर वह भी था जब गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश माफिया के गैंगवार की चपेट में था। जबकि 2017 के बाद इसकी पहचान इतनी सशक्त हो चुकी है कि आज कोई भी गोरखपुर को माफिया से जोड़कर बदनाम नहीं कर सकता है। कोई अब गोरखपुर को बीमारी का अड्डा नहीं बोलता है। यहां अब नौजवानों के पलायन की बात नहीं होती है। आज गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के नौजवान पहचान के मोहताज नहीं हैं। आज के गोरखपुर की पहचान देश और दुनिया में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर की पहचान अब मच्छर,माफिया, मलेरिया या इंसेफेलाइटिस से नहीं है। अब इसकी पहचान शिक्षा, स्वास्थ्य,व्यापार और रोजगार के केंद्र के रूप में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बदले उत्तर प्रदेश में प्रयागराज की चर्चा अब किसी माफिया के कारण नहीं बल्कि महाकुंभ 2025 की दिव्यता, भव्यता,सुव्यवस्था और आतिथ्य सत्कार को लेकर होती है। उन्होंने कहा महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में लघु भारत का सामर्थ्य देखा गया। 45 दिनों के महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक लोग आए और यहां की व्यवस्था और आतिथ्य सत्कार से अभिभूत होकर गए। सीएम ने दक्षिण भारत से आए श्रद्धालुओं के एक गांव में हुए अद्भुत आथित्य सत्कार का उल्लेख किया और कहा कि कानून व्यवस्था के बारे में तो कहना ही क्या। इतने लोगों के आने के बावजूद लूट, अपहरण,छेड़खानी,अव्यवस्था जैसी एक भी घटना नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदर्श व्यवस्था तब संभव होती है जब सब लोग एक साथ मिलकर सोचते और उसके अनुरूप कार्य करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के पूर्व किसानों की आत्महत्या और गरीबों की भुखमरी से मौत अखबारों में बैनर न्यूज बनती थी। 2003-04 में कुशीनगर में मुसहरों की भूख से मौत की अखबारों में प्रकाशित समाचार का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तब अपने संसदीय क्षेत्र का मामला न होने के बाद भी वह मौके पर गए और मुसहरों के हक के लिए आंदोलन किया। इसी प्रकार 2017 तक नागरिक अधिकारों से वंचित वनटांगिया समुदाय के लिए भी आवाज उठाई। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार बनने पर मुसहर, वनटांगिया,थारू,कोल,सहरिया,बुक्सा आदि अनुसूचित जाति-जनजाति को जमीन का पट्टा देख,राशन कार्ड,आयुष्मान कार्ड,पेंशन आदि उपलब्ध कराकर शत प्रतिशत संतृप्तिकरण का अभियान चलाया गया। उन्होंने कहा कि किसान अब आत्महत्या नहीं करता है। गरीब भूख से नहीं मरता है। देश में 80 करोड़ और प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान स्वास्थ्य सुरक्षा मिली है। देश में 4 करोड़ तथा प्रदेश में 60 लाख लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ मिला है। यह इसलिए संभव है कि इस सरकार में करने की इच्छाशक्ति है जबकि पूर्व की सरकारें सिर्फ अपने और अपने परिवार तक सीमित रहीं।
मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र को समृद्ध करने में मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि संविधान में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका का ही सांविधिक रूप से उल्लेख हुआ लेकिन मीडिया ने स्वतः स्फूर्त लोकतंत्र में चतुर्थ स्तम्भ की भूमिका बनाई। कहा कि आपातकाल में संवैधानिक संस्थाओं के साथ ही मीडिया को भी प्रहार झेलना पड़ा। तब मीडिया ने ब्लैंक पेज प्रकाशित कर यह संदेश दिया कि आवाज दबाने की कोशिश पर वह चुप नहीं बैठने वाली। उन्होंने कहा कि गत 20 वर्षों में मीडिया के स्वरूप में बदलाव आया है। प्रिंट के बाद विजुअल और अब डिजिटल व सोशल मीडिया भी है। सोशल मीडिया को आप बेलगाम घोड़ा कह सकते हैं। डीप फेक,कट-पेस्ट से कैसे तबाही मचाई जा सकती,यह भी सभी लोग देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 90 के दशक में जब राम मंदिर आंदोलन चल रहा था, तब अधिकांश अखबारों के संपादकीय पेज पर राष्ट्रीयता के जुड़ाव वाले लेख होते थे। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने एक बार कहा था कि सिद्धांतहीन व्यक्ति, संगठन और संस्थान अपने आप में समस्या हैं। पेंडुलम की तरह उनका कोई लक्ष्य नहीं होता है। व्यक्ति हो या संस्थान, उसे अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता प्रकट करनी होगी। कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद और समाज के विभिन्न वर्गों के गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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