पीएम किसान लाभार्थी के लिए फॉर्मर रजिस्ट्री अनिवार्य

उप संपादक शत्रुघ्न प्रजापति
महराजगंज। जनपद में किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की किश्त खाते में समय से पहुंचे,सरकार ने हर किसान के लिए फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दिया है। लेकिन नाम मिसमैच और सर्वर ने फार्मर रजिस्ट्री की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। आलम यह है कि जहां जिलाधिकारी अनुनय झा ने सख्त फरमान जारी किया है। जनपद के चारों तहसीलों में एक हजार किसानों का फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य रूप से करना है। इसके लिए जिलाधिकारी ने कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी है कि इस कार्य में ढिलाई कत्तई स्वीकार्य नहीं होगी।
फार्मर रजिस्ट्री को लेकर जिलाधिकारी अनुनय झा एक बार फिर एक्शन मोड़ पर आ गये है। इसको लेकर कृषि विभाग और राजस्व विभाग के कर्मियों को अपने कार्य शैली में सुधार करने की चेतावनी दी है। फार्मर रजिस्ट्री को लेकर अभी भी किसानों में जागरूकता के अभाव के साथ ही किसानों के कागज़ों में कई पेंच है। बहुत से किसानों के नामों में मिसमैच सबसे बड़ी समस्या देखी जा रही है।
किसानों के आधार और खतौनी में नामों के स्पेलिंग मिसमैच फार्मर रजिस्ट्री की रफ्तार में सबसे बड़ी रूकावट पैदा कर रही है। जनपद के जिन किसानों की फॉर्मर रजिस्ट्री तक नहीं हो पाई है,वह परेशान न हो। फार्मर रजिस्ट्री की समय सीमा बढ़ा दी गई है,जो अब 31 मार्च कर दी गई है। जो किसान अभी तक फार्मर रजिस्ट्री कराने से छूट गए हैं,वह समय रहते करा सकते हैं। जनपद में अभी तक मात्र 41 प्रतिशत किसानों के ही फार्मर रजिस्ट्री हो सकी है।
केंद्र सरकार किसानों का डिजिटल डाटा तैयार करा रही है। किसान सम्मान निधि सहित कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए फार्मर रजिस्ट्री करना अनिवार्य कर दिया है। जिले में नवंबर 2024 से फार्मर रजिस्ट्री का काम शुरू हो गया था। जिले की सभी तहसीलों के 5.29 लाख किसानों की फार्मर रजिस्ट्री होनी हैं, जिसमें अब तक 41 प्रतिशत किसानों की फार्मर रजिस्ट्री हो चुकी है।अब तक करीब 59 प्रतिशत से अधिक किसानों की फार्मर रजिस्ट्री होनी हैं। जिसके लिए समय बढ़ा दिया गया है। सभी किसानों से अपील है कि समय रहते फार्मर रजिस्ट्री करा लें। किसान जनसेवा केंद्र या स्वयं मोबाइल से अपनी फॉर्मर रजिस्ट्री करा सकते हैं।
किसानों की फार्मर रजिस्ट्री के लिए विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दिन रात जुटे हुए हैं। गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। लेकिन आधार और खतौनी में नाम मिसमैच दिक्कत पैदा कर रही है। फिर प्रयास किया जा रहा है कि फार्म रजिस्ट्री जल्द से जल्द पूरा किया जा सके। अभी तक करीब 41 प्रतिशत किसान की खतौनी अपलोड कर दिया गया है। जो शेष किसान बचे हैं,उनके लिए प्रयास किया जा रहा है।
वीरेंद्र कुमार,जिला कृषि अधिकारी