अबीर-गुलाल और केमिकल वाले रंगों से बढ़ी मरीजों की संख्या

उप संपादक पंकज मणि त्रिपाठी
महराजगंज। होली के रंगों में सराबोर लोगों का उत्साह चरम पर रहा, लेकिन रंग और गुलाल के चलते कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ भी हुईं। विशेष रूप से कान और आँख में रंग भरा पानी जाने से बड़ी संख्या में लोग असुविधा महसूस करने लगे।
शनिवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीजों की भरमार रही,जिन्हें कान में पानी घुसने,आँखों में जलन और पेट की गड़बड़ी जैसी समस्याएँ हो रही थीं। ओपीडी में कुल 837 मरीजों का इलाज हुआ,जिनमें 13 मरीज कान में रंग भरे पानी से परेशान थे,20 लोगों को आँखों में अबीर-गुलाल पड़ने से जलन की शिकायत थी,जबकि 17 मरीज गरिष्ठ भोजन के कारण गैस और पेट दर्द से परेशान होकर अस्पताल पहुँचे।
नाक,कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ.अनिरुद्ध कुमार के अनुसार, रंगों में मौजूद रसायन कान के संवेदनशील हिस्सों के संपर्क में आने से जलन और दर्द की समस्या पैदा कर सकते हैं। कई मरीजों ने सुनने में दिक्कत की भी शिकायत की। डॉक्टरों ने ऐसे मरीजों को विशेष ड्रॉप और परामर्श दिया,जिससे रंगों का प्रभाव कम हो सके।
इसी प्रकार,नेत्र परीक्षक अमरनाथ गुप्त ने बताया कि केमिकल युक्त रंग या गुलाल आँखों में जाने से जलन,लालिमा और पानी गिरने की समस्या हो सकती है। सबसे पहले साफ और ठंडे पानी से आँखों को धोना चाहिए। अगर समस्या बनी रहती है तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।
ओपीडी में महिलाओं की संख्या भी अधिक रही। कई महिलाएँ त्वचा पर जलन और खुजली की शिकायत लेकर पहुँचीं। त्वचा संक्रमण से परेशान मरियम,जानकी,अर्चना और पूजा सहित कई महिलाओं ने चिकित्सकों से परामर्श लिया।