जिलाधिकारियों को पांच जून तक पंचायतीराज निदेशालय को भेजना होगा प्रस्ताव

पंचायत चुनाव के लिए जिलों से मांगा गया ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का प्रस्ताव
प्रांजल केसरी
लखनऊ। यूपी में अगले वर्ष अप्रैल-मई में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए सरकार पहले ग्राम पंचायतों का नये सिरे से परिसीमन कराने जा रही है। सभी जिलाधिकारियों से ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के आंशिक पुनर्गठन का प्रस्ताव पांच जून तक मांगा गया है। पिछले चुनाव से अब तक कई ग्राम पंचायतों व राजस्व ग्रामों के शहरी क्षेत्रों में शामिल होने से अबकी पंचायत चुनाव में कुछ ग्राम पंचायतें घट सकती हैं। पंचायत चुनाव तक नगर पंचायतों,नगर पालिका परिषदों और नगर निगमों के सूजन और सीमा विस्तार पर रोक भी लगा दी गई है।
पंचायत चुनाव
♦अगले वर्ष अप्रैल-मई में होंगे चुनाव,समय से चुनाव कराने को प्रक्रिया शुरू
♦पंचायत चुनाव तक नगरीय निकायों के सूजन व सीमा विस्तार पर लगी रोक
अगले वर्ष 26 मई को ग्राम पंचायतों,19 जुलाई को क्षेत्र पंचायतों तथा 11 जुलाई को जिला पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। अभी प्रदेश में 57,691 ग्राम पंचायतें,826 क्षेत्र पंचायतें तथा 75 जिला पंचायतें हैं। पंचायत चुनाव से पहले मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कराया जाना प्रस्तावित है जिसमें करीब छह महीने का समय लगता है। ग्राम पंचायतों के परिसीमन,वार्डों के निर्धारण,श्रेणीवार जनसंख्या के आंकड़े दुरुस्त करने के बाद आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाती है। पंचायतों और नगर निकायों के क्षेत्रों में परिवर्तन होने से निर्वाचन संबंधी कार्यों में व्यवधान पैदा हो सकता है। ऐसे में अगले वर्ष अप्रैल-मई में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक नगरीय निकायों के सृजन व सीमा विस्तार को स्थगित रखने के संबंध में पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने नगर विकास विभाग को पत्र लिखा है। उत्तर प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के अनुसार राज्य सरकार एक हजार आबादी वाले ग्राम या ग्रामों के समूह को पंचायत क्षेत्र घोषित कर सकती है। प्रमुख सचिव पंचायती राज द्वारा पंचायतीराज निदेशक और जिलाधिकारियों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि पुनर्गठन में इस बात का ध्यान रखा जाए कि ऐसी ग्राम पंचायतें,जिनका एक राजस्व ग्राम नगरीय निकाय में शामिल हो गया है और केवल एक ही राजस्व ग्राम बचा है और ग्राम पंचायत बनने का मानक पूरा नहीं करता है,तो उसे किसी निकट की ग्राम पंचायत में शामिल कर दिया जाएगा। यदि कोई ग्राम पंचायत नगरीय क्षेत्र में सम्मिलित हो जाती है और उसका सम्मिलित राजस्व ग्राम,ग्राम पंचायत बनने के लिए मानक पूरा करता है तो उस राजस्व ग्राम को ग्राम पंचायत बनाया जा सकता है। इसके साथ ही एकल राजस्व ग्राम के नाम से गठित ग्राम पंचायत यदि आंशिक रूप से प्रभावित हुई है और उसकी जनसंख्या एक हजार हो तो वह ग्राम पंचायत यथावत बनी रहेगी। शासन ने ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के आंशिक पुनर्गठन के लिए,जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जिला पंचायत राज अधिकारी इसके सदस्य सचिव और मुख्य विकास अधिकारी व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत सदस्य होंगे। शासनादेश में इस बात का जिक्र भी है कि जिलाधिकारी अपने स्तर से देख लें कि किसी जिले में नगरीय निकाय के सृजन या सीमा विस्तार के बाद प्रभावित विकास खंड की संशोधित अधिसूचना जारी होने से न रह गई हो।