महाकुंभ में विश्व हिंदू परिषद शिविर,”भारद्वाज आश्रम” काशी प्रांत की मेजबानी में बना सेवा और धर्म का अथाह संगम

संपादक नागेश्वर चौधरी
प्रयागराज। महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर 17 में कल पुलिस द्वारा के समीप विश्व हिंदू परिषद शिविर”भारद्वाज आश्रम”मानवता की सेवा की अनोखी मिसाल पेश कर रहा है,लगभग 18 एकड़ में फैले शिविर में तीन रसोई अनुसुइया,अन्नपूर्णा और सीता रसोई में श्रद्धालुओं के निःशुल्क भोजन और रहने के लिए पांच नगर जिनमें एक नगर में लगभग 150 टेंट और लौहकुटीर हैं को सभी श्रद्धालुओं को बिना भेदभाव के उपलब्ध करा रहा है।
काशी प्रांत सहित विहिप और बजरंगदल के कार्यकर्ता मानव मात्र की सेवा और हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की अलख जगा रहे हैं। निःशुक भोजन,बिस्तर सहित रुकने की व्यवस्था,मेडिकल कैंप,आदि सेवाएं लाखों श्रद्धालुओं तक पहुंचा रहे। इसके अलावा प्रयागराज सहित सीमावर्ती जिलों में प्रशासन के साथ मिलकर यातायात और अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे।
पत्रकार वार्ता हेतु उपलब्ध काशी प्रांत के सुशील राष्ट्रवादी जी ने बताया की इसी शिविर में व्यास सभागार है जिसमें लगभग पांच हजार व्यक्ति बैठ सकते हैं और ऐसे ही वशिष्ठ,विश्वामित्र,संदीपनी सभागार है जो सामाजिक और सांगठनिक गतिविधियों का केंद्र बने हुए हैं।
अभी तक 19 जनवरी को 5000 से अधिक माता बहनों की उपस्थिति में मातृ सम्मेलन,24 जनवरी को परिषद के पूज्य संतों के केंदीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक,संत सम्मेलन,दुर्गावाहिनी और मातृशक्ति का अखिल भारतीय अभ्यासवर्ग,विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक आदि कार्यक्रम सम्पन्न हुए,तथा विहिप और बजरंगदल अब तक कई लाख श्रद्धालुओं की भोजन सेवा और रहने की व्यवस्था कर चुका है और यह क्रम आगे भी जारी रहेगा। राष्ट्रवादी टाइटल का उद्देश्य पूछने पर सुशील जी ने बताया कि हमारे धर्म ग्रंथों में वर्णित किसी भी व्यक्ति या ईश्वर का कही सरनेम या जाती नहीं लिखी है,चाहे वह श्री राम हों या श्री कृष्ण,या रावण या दुर्योधन या कंस ये जाति व्यवस्था बहुत बाद में आई जिसे अंग्रेजों ने हिंदू समाज को तोड़ने के लिए और बढ़ावा दिया,वर्तमान में हिंदू समाज को एकत्र होकर आगे बढ़ना है तो जाति को अपने नाम से जोड़ना बंद करें और सर्व समाज को साथ लेकर चलें।