महराजगंज के अध्यापक वरेश कुमार को पर्यावरण,बालिका शिक्षा,सुरक्षा एवं शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

मुन्ना अंसारी राज्य ब्यूरो
नोएडा। आज गलगोटिया विश्वविद्यालय एवं इंजीनियरिंग कालेज,नोयडा के सभागार में शिक्षा एवं पर्यावरण तथा बालिका शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए के के खंडेलवाल आईएएस व नेशनल चीफ कमिश्नर बीएसजी ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर आरडी बाजपेई उप शिक्षा निदेशक एससीईआरटी,अमर बी क्षेत्रीय,एक्सक्यूटिव डायरेक्टर भारत स्काउट एवं गाइड्स,अशोक कुमार,राज्य संसाधन समूह गौतमबुद्धनगर,रेखा दीक्षित,कृष्ण कुमार शर्मा,सूर्य क्रांति समूह,ग्रेटर नोयडा ने भी जनपद महराजगंज के शिक्षक को सम्मानित किया। राष्ट्रीय कार्यक्रम में 18 राज्यो के 150 उत्कृष्ट व नवाचारी शिक्षक शिक्षिकाओं को चयनित कर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ने बोलते हुए कहा कि देश के भाग्यविधाता द्रोणाचार्य स्वरूप शिक्षकों को उनके बच्चों के हित में किए गए सराहनीय कार्यों के लिए पुरस्कार दिया जाना गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, बालिका शिक्षा और महिला सशक्तिकरण विषय विकसित भारत की नींव हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रेम के बिना अच्छा राजा नहीं बना जा सकता। सेवा,दृढ निश्चय और साहस कभी बेकार नहीं जाते। अध्यक्षता कर रहे आरडी बाजपेयी,सहायक उप शिक्षा निदेशक,एस सीआरटी,लखनऊ ने कहा कि भारत में अच्छे शिक्षक शिक्षिकाओं की नितांत आवश्यकता है जो इन शिक्षको से प्रेरणा लेंगे। वरेश कुमार को उनके प्रति वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण जागरुकता और पौध रोपण के लिए तथा महिला सशक्तिकरण में अपनी सहभागिता के लिए पुरस्कृत किया गया। विभाग में आने से पहले भी वरेश कुमार पर्यावरण और स्वास्थ्य कार्यक्रम को मण्डल स्तर पर जन जागरुकता के रुप में चला चुके हैं। पर्यावरण जागरुकता के लिए इन्होंने अपने स्तर पर पोस्टर और पम्पलेट विकसित कर समाज में बटवायें हैं। इनके पुरस्कृत होने पर खण्ड शिक्षा अधिकारी शिव कुमार,राज्य संसाधन समूह के सदस्य सत्यप्रकाश वर्मा,केएम पटेल,लवकुश वर्मा,अकादमिक रिसोर्स पर्सन महेंद्र चौहान,संजय पासवान,संजय यादव,अवधेश गुप्ता,आशुतोष पटेल एवं शिक्षक संगठनों के सदस्य नीरज राय,हरीश शाही,संजय वर्मा राजेश यादव,सुनील मिश्रा एवं साथ उच्च प्राथमिक विद्यालय रतनपुरवा, पनियरा के शिक्षकों ने बधाई दी। वरेश कुमार ने इस पुरस्कार का पूरा श्रेय अपने विद्यालयों के बच्चों को दिया जिनके बिना पर्यावरण जनजागरण कार्यक्रम सफल न हो पाता।