संपादकीय

एक और नरसंहार

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भारत का स्विट्जरलैंड रक्त रंजित,आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए। पाक का नापाक कृत्य। आतंकियों की कायराना वारदात,माकूल जवाब दिया जाएगा। सातवें पाताल में भी नहीं छोड़ेंगे। ऐसे ही साहित्यिक शब्दों से लाखों टन कागज काले हो रहे हैं। दूरदर्शन वाहिनियों पर तथाकथित सेकुलर और राष्ट्रवादी बुद्धिजीवी फिर खाना हजम करने आ रहे हैं। हाथों में AK 47 जैसे माइक थामकर किसी दिवंगत के परिजनों से पूछा जा रहा है कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं? ये शब्द बाण गोली से भी अधिक आघात करते हैं। गृह मंत्री मौके पर हैं और प्रधानमंत्री सऊदी दौरे को बीच में छोड़कर दिल्ली आ गए हैं।सब लोग प्रतीक्षा में हैं कि अब क्या होगा? आतंकियों पर हमला करके मार देंगे ।लेकिन पाकिस्तान में घोषित 30000 मदरसे हैं।यही आतंक के कारखाने हैं।साल में एक भी जिहादी एक मदरसे से निकले तो…….?
मारते रहो,मरते रहो।ये तो रक्त बीज हैं समाप्त नहीं होंगे। और जो भी होगा वह स्थाई समाधान तो नहीं ही होगा। फिर क्या करें? पूर्व में प्रकाशित एक लेख को जोड़ रहा हूं।जिसे अत्यंत गंभीरता से संज्ञान में लेकर कोई ठोस,स्थायी और दुनिया को सबक देने वाला इलाज करना होगा।
प्रकृति और विज्ञान का अंतिम सत्य: जंगल में सिर्फ 5 से 10 परसेंट जंगली जानवर होते हैं और 90 परसेंट शाकाहारी जानवर होते हैं, 90 परसेंट शाकाहारी जानवर पूरा जीवन डर डर कर बिताते हैं कि कहीं मांसाहारी जानवर उनका और उनके बच्चे,परिवार का शिकार करके खा ना जाए,वहां NATURE’S LAW..SURVIVAL OF THE FITTEST …सर्वाइवल ऑफ फिटेस्ट प्रकृति का नियम लागू होता है। हिरन 5 साल जंगल के हरे भरे पौधों को खाकर अपना शरीर का वजन 20 किलो तक बढ़ाता हैऔर मांसाहारी शेर सिर्फ 15 मिनट में उसका शिकार करके मारकर खा जाता है। हिरण की 5 साल की मेहनत बरबाद हो जाती है।उसी प्रकार शाकाहारी सनातनी 50 साल मेहनत करके एक मकान बनाते हैं और मांसाहारी मुस्लिम आतंकी जानवर लुटेरे सिर्फ कुछ दिनों में मकान को लूट लेते हैं।लड़कियों और महिलाओं को लूट लेते हैं। भारत का पिछले हजार साल का इतिहास देख ले,कश्मीर देख ले,पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान का इतिहास देख लें। समझे विचार करें,कैसे मुगलों ने 41 करोड़ एकड़ जमीन पर कब्जा किया। मकानों पर कब्जा किया और करोड़ों हिंदू महिलाओं पर कब्जा किया। धर्मांतरण किया।तलवार की नोक पर उन्होंने यह सब कर दिखाया। वीर भोग्या वसुंधरा है। वीरों ने वसुंधरा को भोगा है।चाहे आदमी हो,चाहे जानवर हो,बहादुर जानवरों की नस्ल जंगल में बच पाती है कमजोर नस्ल को समाप्त कर दिया जाता है। जंगल में जानवरों को बहुत बेरहमी से मांसाहारी जानवर मारते हैं। वही हाल मुस्लिम आतंकियों का भी है।
मनुष्य भी एक उन्नत किस्म का जानवर है मनुष्य की प्रजातियों में वही प्रजाति पृथ्वी पर,अंत में बच पाएगी जो मनुष्य की प्रजाति सबसे बहादुर,सबसे खूंखार सबसे ज्यादा जानवर वाली प्रवृत्ति की होगी। यही प्रकृति का नियम है। जो बहादुर होगा वही बचेगा,कमजोर प्रजाति का पृथ्वी पर बचना बहुत मुश्किल है।इसलिए बहादुर बने, शाकाहारी हिंदू सनातनी संगठित रहें और मांसाहारी मुस्लिम आतंकियों जैसे जंगली जानवरों से मुकाबला करने और सुरक्षा की तैयारी रखें,अन्यथा मांसाहारी जंगली खूंखार ये आतंकी जानवर, शाकाहारी जानवरों का एक न एक दिन सर्वनाश कर देंगे,सारी पृथ्वी पर कब्जा कर लेंगे,इसी तरह मनुष्य की इस मांसाहारी प्रजाति ने 56 इस्लामिक देश बना लिए हैं। शाकाहारी कमजोर प्रजाति को समाप्त करके,यह काम अभी भी चल रहा है और आगे भी चलता रहेगा, भविष्य में भी होता ही रहेगा। तब तक होगा जब तक की शाकाहारी हिरण सनातनी जंगल से समाप्त ना हो जाएं।ऐसे म्लेच्छों को हर हाल में रोकना होगा। संगठित होकर,क्योंकि यह भारत के,सनातन के अस्तित्व बचाने की लड़ाई है। मांसाहारी खूंखार मनुष्य की यह मुस्लिम प्रजाति जो बहुत संगठित है और मिलकर और धोखे से वार करते हैं, पहले अपनी संख्या बढ़ा लेते है। 5 शादी करके 25 बच्चे पैदा करते हैं। जब तक संख्या नहीं बढ़ती वह शाकाहारी को भाई भाई बोलते हैं। उनसे कुछ शिक्षा ग्रहण करें और अपने को सुरक्षित करें। वह 10 लाख मस्जिद और 10 लाख मदरसा में अपनी खूंखार सेना तैयार करते हैं ।वह उनके आर्मी का बेस कैंप है।हर मस्जिद के मौलाना उनके सेना के कप्तान होते हैं। उसी तरह आपको भी सुरक्षा के लिए आपको भी लाखों मंदिर भारत देश में बनाने पड़ेंगे।हर गली मोहल्ले गांव में 100 करोड़ सनातनी लोगों को  अपने अपने गांव में, शहर में,मोहल्ले में अगले 6 महीने में 1 साल में मंदिर अवश्य बनाएं, वहीं से आपका परिवार और समाज सुरक्षित होगा दूसरा कोई रास्ता नहीं है*।ये बात ये मुस्लिम आतंकी भी जानते हैं इसलिए मंदिरों के निर्माण का विरोध करते हैं और किसी दुर्घटनावश हिन्दू पैदा हुए इनके आका इनकी पैरवी कर रहे हैं।इन मंदिरों से हिन्दुओं को राष्ट्र रक्षा मंत्र भी दिए जाएं।रात भर जागकर संगीत,भजन कीर्तन करके सारा दिन सोना जागरण नहीं है।उस अध्यात्म में राष्ट्र भक्ति भी हो वही जागरण है। वह चाहे दिन में हो,चाहे रात में हो।क्योंकि
कुछ लाख पुलिस और सेना 40 करोड़ मुगलों की सेना का मुकाबला कभी नहीं कर पाएगी,जनता को हर हिंदू नागरिक को मातृभूमि की रक्षा के लिए सैनिक बनना पड़ेगा ।किसी न किसी रूप में।दूसरा कोई रास्ता नहीं है आपके बच्चों और वंश को बचाने का भारत में और इस विश्व में भी।अब आप ध्यान करिए आपको अपने घरों में सुबह सुबह कौन जगाता है?कबाड़ी वाला।एक एक गांव में आठ दस कबाड़ी वाले रोज आते हैं।दिन भर चद्दर बेचने वाले,गैस चूल्हा ठीक करने वाले,सिलाई मशीन ठीक करने वाले जो रोज आपके घरों की रेकी करके जाते हैं,क्या कभी किसी ने रोककर पूछा है तुम कौन हो?
क्या किसी का पहचान पत्र देखा है? नहीं जी,हम तो सनातनी,शाकाहारी,मानवतावादी,सेकुलर हैं,हमें इन चीजों से क्या मतलब? हमें तो महंगाई,बेरोजगारी,सस्ते तेल,प्याज और अब तो फ्री में मिलने वाले अपने अधिकारों के लिए सरकार को गाली देने से ही फुरसत नहीं मिलती। हमें तो अधिकार पूरे चाहिए। हमारी यही वृति ऐसे राष्ट्र द्रोहियों के हौंसले बढ़ाती हैं। लेकिन आने वाले समय मैं,ये गलतफहमी त्याग दें कि कोई राजनेता आपके परिवार को बचा देंगे इन मुस्लिम आतंकी लोगों से। यह संभव नही है, न मोदी जी,न योगी जी कोई नहीं आपको बचा पाएगा।आप सभी को समाज की और अपनी सुरक्षा के लिए संगठित होकर अपने हिस्से की लड़ाई लड़नी होगी, इसके लिए खड़ा होना होगा, संगठित होना होगा। 1947 में आजादी के समय बड़े-बड़े राजनेता थे गांधी जी,नेहरू जी,सरदार पटेल,सेना थी,पुलिस थी, फिर भी 50 लाख हिंदुओं का कत्ल हो गया । घर परिवार महिला सब लुट गया। वही सब  फिर से दोहराया जा रहा है भारत में । भारत में कई सौ मिनी पाकिस्तान बन गए हैं ।कई करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिए, रोहंगिया मुसलमान टिड्डी दल की तरह ये मुस्लिम आतंकी बिहार और बंगाल के रास्ते भारत में घुस गए हैं ।शुतुरमुर्ग की तरह ना सोए रहें। जगिए,तंद्रा हटाइए,देश के लिए,अपने लिए,आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए उठिए।अपने मोर्चे पर प्रचंडता,प्रबलता,प्रखरता से खड़े हो जाइए।सरकार और सेना बाहरी ताकत से निपट लेगी।भीतर के सपोलों को,आस्तीन के सांपों को कुचल दीजिए।बिना झिझक,बिना शर्म,बिना लाग लपेट,बिना भय के।संगठित हो जाइए।जातियों के भेद में न उलझे।ये आतंकियों के मददगार जातियों में इसलिए बांट रहे हैं कि हिन्दू नष्ट हो जाएं। शाकाहारी सनातनी 200 विभिन्न जातियों में बटे हैं, इसलिए मांसाहारी आतंकी प्रजाति बहुत आसानी से संगठित होकर, इन निरीह,सीधे साधे भोले भाले शाकाहारी सनातनी का पिछले हजार साल से शिकार कर रहे हैं,इससे बचने का उपाय तो ढूंढना ही पड़ेगा, अन्यथा सनातनी इस पृथ्वी पर से विलुप्त प्राय प्राणी हो जाएंगे। जो गुंडे पूछते हैं कि क्या ये देश तुम्हारे बाप का है तो बेखौफ बता दीजिए उनको कि यह भारत वर्ष देश हमारा है तो इसके मालिक हम हैं।ये देश मेरा भी है मेरे बाप का भी है।इसका सैनिक बनकर रक्षण कारण मेरा अधिकार भी है और कर्तव्य भी।
और आपका…………….?
पहलगांव के शहीद हुतात्माओं को नत मस्तक

मोहिनी मिश्रा (आचार्या)  
कमला केशव सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज सुलतानपुर

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