सवारी ट्रेनो में चढती साईकिलें,रेलवे विभाग बना मूकदशक

राकेश कुमार श्रीवास्तव संवाददाता
सिद्धार्थ नगर। रेल प्रशासन के सख्त निर्देशो के पश्चात भी गोरखपुर से ही ट्रेन के बोगियो मे कुछ लोग साइकिल लाद कर निर्भीक होकर ट्रेन की बोगी के गेटो पर खड़े हो जाते है। जिससे ट्रेन मे चढ़ने उतरने वाले यात्रियों को कठिनाइयो का सामना करना पड़ता है यह कृत्य या तो रेलवे पुलिस या रेल अधिकारी के संज्ञान मे ही न हो या जान बूझ कर ईग्नोर करते हो बिना ड्रेस और नेम प्लेट के ही कुछ लोग खाद्य सामग्रिया भी बेचते है और तो और जहां बाल श्रम अपराध है,वही इसी ट्रेन में एक लगभग 12 वर्षीय बालक पानी से भरा झोला पीठ पर लादे पानी बेचते हुए गोरखपुर से आनन्द नगर तक आया,लेकिन बाल श्रम को रोकने के लिए न तो किसी रेल अधिकारी की निगाह और न ही जीआरपी या आरपीएफ की ही निगाहे पड़ी,यह कहानीे ट्रेन संख्या 75117 की है हमने उस बालक और वेन्डर का नाम पूछा बालक मुख अंगोछे से ढक कर भाग निकला।