राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर खड़े हुए सवाल,मौके पर पहुंची एनएचएआई की टीम

उप संपादक शत्रुघ्न प्रजापति
महराजगंज। नगर में हाल ही में बने नेशनल हाईवे 730 की सड़कों की हालत ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। निर्माण के कुछ ही महीनों बाद हाईवे की सड़कें जगह-जगह से टूटने लगी हैं,जिससे स्थानीय नागरिकों में भारी रोष व्याप्त है। सड़क पर गड्ढे और उखड़ी हुई परतें न सिर्फ वाहनों की आवाजाही में बाधा बन रही हैं,बल्कि दुर्घटनाओं का भी खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय समाजसेवियों और नागरिक संगठनों ने इस मामले को गंभीरता से उठाते हुए सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की आशंका जताई है। उन्होंने जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से तत्काल जांच कर कार्रवाई की मांग की है। शिकायतों में ठेकेदार की जमानत राशि जब्त करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। दरअसल,लगातार मिल रही शिकायतों के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की एक टीम गोरखपुर से मौके पर पहुंची। टीम में शामिल सहायक अभियंता साम्भवी तिवारी ने पीडब्लूडी के निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता देवेंद्र मणि के साथ मिलकर सड़क की जांच की। टीम ने नाली निर्माण में प्रयुक्त सरिया की गुणवत्ता की भी गहनता से जांच की। फीते से माप लेकर सरिया की मोटाई जांची गई और क्षतिग्रस्त हिस्सों का भौतिक निरीक्षण किया गया। वहीं,प्रारंभिक जांच में निर्माण कार्य में लापरवाही और घटिया सामग्री के इस्तेमाल के संकेत मिले हैं। टीम ने साक्ष्य एकत्र करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है,जिसे जल्द ही उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा। दूसरी तरफ,स्थानीय लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपये की लागत से बनी यह सड़क इतनी जल्दी खराब कैसे हो गई,यह समझ से परे है। उनका मानना है कि अगर सही तरीके से निर्माण हुआ होता तो सड़क इतनी जल्दी जर्जर नहीं होती। यह मामला न सिर्फ निर्माण एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है,बल्कि सरकार की निगरानी व्यवस्था की भी पोल खोलता है। जनता अब इस मामले में निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही को रोका जा सके।