देश के अन्तिम व्यक्ति तक शिक्षा का दीप जलाना सेवा कार्य की संकल्पना एवं उद्देश्य: राघव कुमार

प्रांजल केसरी
खलीलाबाद। आज दिनांक 26 मई 2025 कुन्डीलाल सरस्वती विद्या मंदिर विधियानी संत कबीरनगर में राघव कुमार ने सरस्वती संस्कार केन्द्र के प्रशिक्षण वर्ग में कहा कि सन् 1981 में श्रद्धेय भाऊराव देवरस ने झारखंड के घोर बनांचल क्षेत्र में गुमला नामक स्थान पर वनवासी सेवा में लगे सेवा कार्यकर्ताओं के बीच में अनौपचारिक शिक्षण पद्धति पर अधारित एकल शिक्षक विद्यालय योजना की कल्पना दी। उनकी प्रेरणा से यह संकल्प उभर कर आया कि देश के अन्तिम व्यक्ति तक शिक्षा के दीप का प्रकाश पहुंचाकर इनकी सोच को देश के मुख्यधारा जोड़ना अत्यन्त आवश्यक है। ऐसा भी अनुभव में आया कि विश्व के सभी देशों में साक्षरता हेतु औपचारिक विद्यालयों की तुलना में अनौपचारिक शिक्षा केन्द्रो को ही अधिक उपयोगी पाया गया है।

एक चुनौतीपूर्ण कार्यक्षेत्र
दुर्भाग्यवश दासता के कालखंड मे ये स्वस्थ परम्पराएं लुप्त हो गयी। झुग्गी -झोपड़ी,सुदूर ग्रामीण और बनांचलों मे रहने वाला बहुत बड़ा वर्ग हमारी उपेक्षा व तिरस्कार के कारण देश के मुख्य धारा से दूर होता चला गया। आज अपने देश में ऐसे अभावग्रस्त बन्धुओं की चार श्रेणियों सर्वत्र देखी जा सकतीं है-
क- श्रमिक क्षेत्र -रेलवे स्टेशन पर,बस स्टाफ पर,रिक्शा चलाने वाले, मजदूरी करने वाले,ठेला खीचने वाले,गोदाम से बोरी उतरने वाले।
ख- सेवा बस्ती यानि अछूत कहे जाने वाले समाज,ये हमारे घरों की गंदगी साफ करते हैं। चमड़े का जूता बनाकर लोगो को पहनाते है। इन्हें अछूत माना जाता है।
ग- वनवासी समाज इस देश में बहुत बड़ी संख्या वनवासियों की है। ये सब हिन्दू है वनों में रहते हैं। भूमि व प्रकृति को ये अपनी सम्पति मानते हैं।
घ- घुमन्तु समाज भैस पर इनका घर होता है ये अपनो को महाराणा प्रताप के बंशज बताते हैं। उनकी रक्षा का संकल्प लिया था उन्होंने। इस समाज की भी हम ने बहुत उपेक्षा की है।

संकल्प व समाधान विद्या भारती द्वारा सामाजिक समरसता तथा न्याय, राष्टीयता एकता और अखण्डता का वातावरण निर्माण करने हेतु निशुल्क या अल्प शुल्क पर सरस्वती संस्कार केन्द्र/एकल शिक्षक विद्यालय चलाने का संकल्प लिया गया है। विद्यालयों के द्वारा संचालित सरस्वती संस्कार व एकल शिक्षक विद्यालय जहाँ आवश्यक है वहा पर चलना है। शताब्दी वर्ष में एक विद्यालय अनेक सरस्वती संस्कार केन्द्र चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उद्घाटन कार्यक्रम में रमेश राय प्रधानाचार्य कुन्डीलाल रुगंटा सरस्वती विद्या मंदिर खलीलाबाद संतकबीरनगर ने परिचय एवं स्वागत किया। इस कार्यक्रम में प्रभाकर मिश्रा प्रान्त सेवा प्रमुख गोरक्ष भी पूरे समय तथा सभी केन्द्र संचालक/संचालिका,सभी आचार्य उपस्थित रहे।