सेवा कार्य समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को सशक्त बनाने में मदद करता : राघव कुमार

प्रांजल केसरी
खलीलाबाद। सेवा कार्य द्वारा समाजिक परिवर्तन में केन्द्र संचालक/संचालिकाओ की भूमिका-राघव कुमार सह सेवा संयोजक ने आज दिनांक 28 मई 2025 को वैचारिक सत्र में कहा-सेवा कार्य,जिसे सामाजिक कार्य भी कहते हैं,समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। यह कार्य व्यक्तियों,समूहों और समुदायों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सहायता प्रदान करता है और साथ ही सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देता है।

सेवा कार्य के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने के कुछ तरीके:
सामाजिक न्याय और समानता:
सेवा कार्य समाज के कमजोर और वंचित वर्गों को सशक्त बनाने में मदद करता है,जैसे कि महिलाएं,बच्चे और गरीब लोग। यह उन्हें सामाजिक,आर्थिक,और राजनीतिक रूप से अधिक अधिकार प्रदान करने में मदद करता है,जिससे वे समाज में समान रूप से भाग ले सकें.
सामुदायिक विकास:
सेवा कार्य समुदायों को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और परियोजनाओं को लागू करने में मदद करता है। इसमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों में सुधार शामिल हो सकते हैं।
सेवा कार्य लोगों को सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूक बनाता है, जैसे कि गरीबी,भेदभाव और पर्यावरण प्रदूषण। यह लोगों को इन समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
सेवा कार्य व्यक्तियों को मानव व्यवहार, सामाजिक प्रणालियों, और नीतियों की गहरी समझ प्रदान करता है। यह उन्हें सामाजिक न्याय और निष्पक्षता की दिशा में काम करने में सक्षम बनाता है, जिससे समुदायों पर सीधा प्रभाव पड़ता है.
सेवा कार्य लोगों को अपनी समस्याओं का समाधान करने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने के लिए सशक्त बनाता है। यह उन्हें सामाजिक परिवर्तन के लिए संगठित करने और आंदोलन करने में भी मदद करता है.

सेवा कार्य के माध्यम से व्यक्ति भी बदल सकते हैं:
सेवा कार्य लोगों को दूसरों के प्रति सहानुभूति और दयालुता विकसित करने में मदद करता है। यह उन्हें अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने और एक बेहतर व्यक्ति बनने में भी मदद करता है.
सेवा कार्य के कुछ उदाहरण:
अनाथ बच्चों की देखभाल:
अनाथ बच्चों को आश्रय, भोजन, शिक्षा, और चिकित्सा प्रदान करना.
गरीब लोगों की मदद:
गरीब लोगों को भोजन, कपड़े, और आश्रय प्रदान करना.
विभिन्न सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाना:
जैसे कि घरेलू हिंसा, बाल श्रम, और भेदभाव.
परियोजनाओं को लागू करना:
जैसे कि स्कूल, अस्पताल, और पुस्तकालयों का निर्माण.
सामाजिक न्याय के लिए लड़ना:
जैसे कि महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाना.
सेवा कार्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। यह व्यक्तियों को सशक्त बनाता है, समुदायों को बेहतर बनाता है, और सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देता है.
सरस्वती संस्कार केन्द्रो के लिए है।
-शिक्षा, स्वास्थ्य व संस्कार से ही हमसब आत्मनिर्भर होकर अपनी प्रगति कर सकते हैं।
-इसके लिए हमें सदैव तैयार होना होगा। बिना बस्ती के सहयोग से यह संभव नहीं हो सकता है।
-हर काम के लिए सरकार की ओर देखना हमारी आदत बन गयी है। यह ठीक नहीं है। जो अपनी सहायता स्वयं करता है उसकी सहायता भी करता है।
-हम विद्या भारती के द्वारा चलने वाले विद्यालयों के लोग है। आप और हम मिलकर बस्ती की प्रगति करे यही समय की मांग है।
– ध्यान रहे यह कोई सरकारी योजना नहीं है। यह हमारे गाँव या बस्ती की अपनी योजना है। इसका सम्बन्ध जाति बिरादरी या राजनीति से किंचित भी नहीं है।
संस्कार केन्द्र पर प्रभुभक्ति –
– सबसे पहले महिलाऐ भजन मण्डली तैयार करे। गाँव/ बस्ती मे वाद्ययंत्र के साथ करना है।
-प्रत्येक एकादशी को 2 घंटे का भजन कीर्तन कार्यक्रम बस्ती/गाँव के मंदिर या किसी सर्वजनिक स्थान पर होगा। गाव में उपलब्ध चित्रो (देवी देवताओं के) से कीर्तन स्थल को सजाना न भूले। प्रसाद की व्यवस्था बस्ती के घरों से होगी।
-अंत मे आरती होगी। आरती पर चढ़ावे की राशि गिनकर रसीद काटी जाय। धन बस्ती के किसी प्रमुख ब्यक्ति के यहाँ रखा जाय। अन्यथा विद्यालय में जमा किया जाय।
-आरती से प्राप्त धन से भजन कीर्तन के लिए आवश्यक सामाग्री वाद्ययंत्र, भगवान का चित्र, अगरबत्ती, स्टैण्ड, घंटा घडि़याल, शंखादि क्रय किया जा सकता है।
-भजन कीर्तन में कभी कभी संत- महात्मा के द्वारा कोई कथा प्रवचन भी कराया जाय। प्रवचन की भाषा व घटनायें बस्ती के स्तर के अनुरूप चाहिए।
– चर महीने में एकबार गाव/बस्ती के लोगों का स्वस्थ परीक्षण कराया जाय।
-हर सप्ताह गाव/बस्ती के लोगों के द्वारा की स्वच्छता अभियान।
– प्रर्यावरण के दृष्टि से गांव /बस्ती में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाय।
– रक्षाबन्धन एवं मकरसंक्रांति,नवरात्रि में कन्यापूजन समरसता का कार्यक्रम है। बस्ती/गांव में कार्यक्रम सरस्वती संस्कार केन्द्र माध्यम करना है।