Crime Newsमहराजगंज

झूठी लूट का पर्दाफाश: पुलिस ने कुछ घंटों में किया भंडाफोड़

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हेडलाइन्स
♦-युवक ने ऑनलाइन गेमिंग में हारे ढाई लाख रुपये की भरपाई के लिए रची लूट की कहानी
♦-पुलिस ने कुछ घंटों में तकनीकी जांच और पूछताछ के आधार पर किया पूरे मामले का खुलासा
♦-चिकित्सकीय रिपोर्ट में चोट के कोई ठोस निशान न मिलने पर घटना पर शुरू हुआ शक
♦-लूटा बताया गया बैग आरोपी की निशानदेही पर बरामद,मोबाइल नहीं मिला

♦-आरोपी जितेंद्र यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर हुई गिरफ्तारी




प्रांजल केसरी न्यूज एजेंसी
महराजगंज। कोतवाली क्षेत्र में एक सनसनीखेज लूट की सूचना पर सक्रिय हुई पुलिस ने महज कुछ घंटों के भीतर घटना की परतें खोलते हुए झूठी कहानी का खुलासा कर दिया। ग्राम बागापार टोला कोदईपुर निवासी जितेंद्र यादव द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक 29 मई की रात सोनरा गांव के पास दो अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने डंडे से मारकर उससे ₹2,22,000 नकद व मोबाइल फोन लूट लिया था। सूचना मिलते ही जिले की पुलिस सतर्क हो गई और तत्काल घटना की गहनता से जांच शुरू कर दी।
पुलिस अधीक्षक सोमेन्द्र मीना के निर्देश पर एसओजी व स्वाट की संयुक्त टीम ने जांच शुरू की। मौके पर पहुंची पुलिस को न तो कोई संघर्ष के निशान मिले और न ही पीड़ित के शरीर पर कोई बाहरी चोट दिखाई दी। यहां तक कि चिकित्सकीय परीक्षण में भी चोट को केवल ही बताया गया। तकनीकी जांच में मामला संदेहास्पद प्रतीत हुआ। पुलिस ने जब पीड़ित के और उसकी पत्नी के बैंक खातों की जांच की तो यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जितेंद्र यादव ऑनलाइन गेमिंग में लगभग ढाई लाख रुपये हार चुका था। पूछताछ में जब सख्ती बरती गई तो उसने स्वीकार किया कि उसने ही यह झूठी कहानी गढ़ी ताकि अपने परिजनों को गुमराह कर सके।
     जितेंद्र की निशानदेही पर पुलिस ने कथित लूट में गया बैग बरामद कर लिया। हालांकि मोबाइल बरामद नहीं हो सका। पुलिस का मानना है कि वह मोबाइल घटनास्थल के आसपास किसी राहगीर को मिल गया होगा। महज कुछ घंटों में पुलिस ने इस झूठी लूट की कहानी का भंडाफोड़ कर दिया और आरोपी जितेंद्र यादव के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 231 के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने आम जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति व्यक्तिगत नुकसान की भरपाई के लिए झूठी सूचनाएं न दे। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न सिर्फ पुलिस की सक्रियता का उदाहरण है, बल्कि इस बात की चेतावनी भी है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत किस हद तक व्यक्ति को अपराध की ओर धकेल सकती है।
पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम में प्र0नि0 सत्येन्द्र कुमार राय,उ0नि0 अंकित कुमार सिंह,उ0नि0 नितेश कुमार,उ0नि0 सूरज कुमार,उ0नि0 उदयभान यादव,हे0का0 समीउल्लाह खाँ,हे0का0 करुणेश सिंह,का0 अमित यादव,का0 श्यामजी यादव,उ0नि0योगेश सिंह (प्रभारी एसओजी) हे0का0 अमित कुमार सिंह,हे0का0 शैलेन्द्र त्रिपाठी,का0 रामाआशीष यादव,उ0नि0 अखिलेश प्रताप सिंह (प्रभारी स्वाट टीम),हे0का0 कैलाश द्विवेदी,हे0का0 संदीप भाष्कर,का0 राजवीर पाठक,का0 राजीव यादव,का0 दीपक कुमार सिंह शामिल रहे।

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