स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही में प्रसव के दौरान महिला की मौत,लोगों में आक्रोश

उप संपादक पंकज मणि त्रिपाठी
महराजगंज। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही एक बार फिर मौत की वजह बन गई। महराजगंज के जिला महिला चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग में प्रसव के बाद एक महिला की मौत हो गई, जिससे पूरे क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। मृतका की पहचान रीना गुप्ता पत्नी उमेश गुप्ता के रूप में हुई है,जिन्हें उनके भाई शैलेश गुप्ता 27 मई को अस्पताल में भर्ती करवाया था।
सूत्रों के अनुसार शैलेश गुप्ता द्वारा मुख्य चिकित्साधिकारी को भेजे गए पत्र में गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रसव के बाद रिना की हालत बिगड़ने लगी और अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा। इस दौरान कई बार ड्यूटी पर तैनात डॉ.शालिनी वर्मा को कॉल किया गया,लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया और न ही समय पर अस्पताल पहुँचीं। जब मरीज की स्थिति गंभीर होती चली गई,तब परिवार ने स्वयं प्रयास कर उसे केएमसी मेडिकल कॉलेज ले जाया,जहाँ इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
इस गंभीर लापरवाही के आरोपों को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय द्वारा 31 मई को जारी आदेश में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। समिति में डॉ.राजेन्द्र प्रसाद (अपर मुख्य चिकित्साधिकारी),डॉ. राजेश द्विवेदी (उप मुख्य चिकित्साधिकारी), और डॉ.अरुण कुमार सिंह (खीरोग रोग विशेषज्ञ) को शामिल किया गया है। यह समिति आगामी तीन कार्यदिवसों में अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
मृतका के परिजनों का कहना है कि यह मौत सिर्फ लापरवाही का नतीजा नहीं बल्कि”स्वास्थ्य विभाग की असंवेदनशीलता”का प्रतीक है। शैलेश गुप्ता ने यह भी मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस प्रकार के दर्द से न गुजरना पड़े। इस घटना ने जिले की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। देखने वाली बात होगी कि जांच रिपोर्ट में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं और क्या दोषियों को न्यायिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा या मामला यूँ ही ठंडे बस्ते में चला जाएगा। पीड़िट परिवार द्वारा प्रशासन में इस तरह के मामलों में लापरवाही को लेकर सख्ती बरतने की अपील की है,ताकि भविष्य में किसी परिवार की खुशियों पर दाग ना लगे।