
संपादक नागेश्वर चौधरी
नई दिल्ली: फ्लाइट नंबर AI-171 ने 12 जून को दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी और 1.40 बजे हादसा हो गया। उस समय प्लेन 200 फीट की ऊंचाई पर था।
अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया विमान हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या हजारों में हो सकती थी। हालांकि, कैप्टन सुमित सभरवाल (56) की सूझबूझ की वजह से कई जानें बच गईं। सूत्रों के अनुसार, कैप्टन सुमीत काे जब ये अहसास हो गया कि वे विमान क्रैश होने से नहीं रोक सकेंगे तो उन्होंने जानबूझकर विमान को ऐसी जगह गिराया जहां नुकसान कम से कम हो।
बोइंग 787 विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा। यह इलाका कम आबादी वाला था,लेकिन इसके चारों ओर घनी बस्ती और तीन बड़े अस्पताल हैं। विमान 3 सेकंड पहले या बाद में गिरता,तो तबाही बहुत बड़ी होती। क्रैश साइट के दाईं ओर मिलिट्री हॉस्पिटल है। आगे सिविल अस्पताल और थोड़ी दूरी पर गुजरात कैंसर सोसाइटी मेडिकल कॉलेज भी है।
अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 टेकऑफ के कुछ ही देर बाद एक मेडिकल हॉस्टल की इमारत से टकरा गई थी। इसमें 270 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें 241 यात्री और क्रू मेंबर शामिल थे। एक यात्री इस हादसे में जिंदा बचा है। कैप्टन सुमीत को 8200 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था।
3 सेकेंड पहले या बाद में गिरता तो 1200 लोग और मारे जाते
दुर्घटना के बाद हादसे की जगह की जांच के दौरान मौजूद एक विमानन अधिकारी ने बताया कि गिरते हुए विमान की ट्रैजेक्टरी के अनुसार यह सीधा 1200 बेड वाले सिविल हॉस्पिटल पर क्रैश होने जा रहा था। शुरुआती जांच से पता चलता है कि पायलट ने इसे कुछ सेकंड पहले ही डाउन कर दिया। इससे,यह मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत से फिसलते हुए पेड़ों के बीच गिरा।
कैप्टन सुमित सभरवाल का मुंबई में हुआ था अंतिम संस्कार
बेटे सुमीत को अंतिम विदाई देते पिता पुष्करराज सभरवाल।
अहमदाबाद प्लेन हादसे में जान गंवाने वाले एअर इंडिया विमान के कैप्टन सुमित सभरवाल का 17 जून को मुंबई में अंतिम संस्कार किया गया था। सभरवाल के पास 8200 घंटे की उड़ान का अनुभव था। सभरवाल के अलावा फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर की भी हादसे में जान गई थी। कुंदर के पास 1100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।
प्लेन क्रैश की जांच में संयुक्त राष्ट्र शामिल होगा, ICAO ऑब्जर्वर को भारत की परमिश
एअर इंडिया के ड्रीमलाइनर प्लेन हादसे की जांच में संयुक्त राष्ट्र शामिल होगा। संयुक्त राष्ट्र की विमानन संस्था ICAO (इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन) के एक विशेषज्ञ को ऑब्जर्वर के तौर पर शामिल होने की इजाजत भारत सरकार ने दे दी है। ICAO ने जांच में शामिल होने की इजाजत मांगी थी। भारत ने पारदर्शिता के साथ जांच करने के इरादे से संयुक्त राष्ट्र को इसमें शामिल करने का फैसला लिया है।
हादसे की जांच 13 जून से ही एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की टीम कर रही है। इसमें विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) अफसर और अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।