सारसों को खूब भा रही तराई की आबोहवा

संवाददाता अतुल कुमार श्रीवास्तव
लक्ष्मीपुर: तराई के सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के लक्ष्मीपुर क्षेत्र मे सारसों की चहल-कदमी बढ रही है। सारस घने जंगलों का पक्षी न होकर जलीय व दलदल वाले क्षेत्रों का पक्षी है। वह स्वच्छ वातावरण वाले इलाके में ही विचरण करते हैं। इसलिए यहां की आबोहवा सारसों को काफी भा रही है। सारसों झुंड मे कही दो तो कही चार या छः की संख्या मे दिख जा रहे है। जो आते जाते राहगीरों को बरबस अपने तरफ आकर्षित करते है।
तराई क्षेत्रों की आबोहवा सारस पक्षियों को पसंद आ रही है।सारस पक्षी,तालाब,झील,नदी और तराई वाले इलाकों में पाए जाते हैं। ये खुले गीले मैदानों पर रहना पसंद करते हैं। सारस उत्तर प्रदेश का राज्य पक्षी है। उड़ने वाले पक्षियों में सारस,दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी है। सारस पक्षी हमेशा जोड़े बनाकर रहते हैं। एक बार जोड़ा टूटने पर,सारस पक्षी कभी भी फिर से जोड़ा नहीं बनाता और साथी के वियोग में प्राण त्याग देता है।