मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग की प्रमुख योजनाओं के
क्रियान्वयन और आगामी रणनीति की समीक्षा की

प्रांजल केसरी न्यूज एजेंसी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लोक निर्माण विभाग की प्रमुख योजनाओं के क्रियान्वयन और आगामी रणनीति के सम्बन्ध में समीक्षा की। इस बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के समस्त जिलाधिकारीगण, विभिन्न विधानसभाओं के जनप्रतिनिधि और सम्बन्धित विभागीय अधिकारी वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश देते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग की प्रमुख 18 योजनाओं के अन्तर्गत प्रदेश के सभी 75 जनपदों से आगामी 30 जून तक प्रस्ताव अनिवार्य रूप से प्राप्त हो जाने चाहिए। जिलाधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करते हुए स्थानीय आवश्यकता के अनुरूप प्रस्ताव तैयार कर तय समयसीमा में भेजें। विकास का लाभ राजनीतिक क्षेत्रफल नहीं, बल्कि स्थानीय आवश्यकताओं के आधार पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने समावेशी विकास की संकल्पना के दृष्टिगत निर्देशित किया कि सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों को कम से कम 2-3 योजनाओं का प्रत्यक्ष लाभ अवश्य मिलना चाहिए। विकास कार्यों का भूमि पूजन अथवा शिलान्यास स्थानीय जनप्रतिनिधिगण के माध्यम से कराया जाए,ताकि विकास में जनभागीदारी की भावना सशक्त हो।
मुख्यमंत्री जी ने धार्मिक पर्यटन को आर्थिक सशक्तिकरण से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा कि हर वर्ष प्रदेश के टॉप-50 धार्मिक स्थलों का चयन उसकी ऐतिहासिकता, महत्व एवं श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर किया जाए और इन स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण को प्राथमिकता दी जाए। धार्मिक स्थलों की बेहतर कनेक्टिविटी न केवल सांस्कृतिक अनुभव को समृद्ध करती है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहित करती है।
मुख्यमंत्री जी ने राज्य की सड़कों की कनेक्टिविटी को एकीकृत दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि पूर्वांचल, आगरा, यमुना, बुन्देलखण्ड और निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे ने प्रदेश की पूर्व-पश्चिम की कनेक्टिविटी को नया आयाम दिया है। अब समय आ गया है कि उत्तर और दक्षिण के जनपदों को भी आपस में जोड़ने वाली संरचना तैयार की जाए, जिससे राज्य की आन्तरिक गति और समरसता को नई दिशा मिले।
मुख्यमंत्री जी ने सड़कों की गुणवत्ता, मरम्मत और सुरक्षा पर विशेष बल देते हुए निर्देश दिये कि प्रदेश के किसी भी मार्ग पर गड्ढे नजर नहीं आने चाहिए। उन्होंने कहा कि ओवरस्पीडिंग और टूटी हुई सड़कें, सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं। इसलिए सभी डार्क स्पॉट चिन्हित किए जाएं और आवश्यकतानुसार टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर बनवाए जाएं।
बाढ़ और अतिवृष्टि से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों के लिए विशेष रणनीति अपनाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लघु सेतु और सड़कें अक्सर जलभराव के कारण क्षतिग्रस्त होती हैं। ऐसे में पूर्वानुमान के आधार पर पहले से ही प्रस्ताव तैयार कर भेजे जाएं, ताकि जैसे ही बरसात कम हो, कार्य आरम्भ कराया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने विकास कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नामित करें, जो साप्ताहिक आधार पर कार्यों की प्रगति की समीक्षा करे। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मासिक और द्विमासिक समीक्षा बैठकों में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकास की गति तभी टिकाऊ और जनविश्वास आधारित हो सकती है, जब ईमानदारी, पारदर्शिता और जनसहभागिता को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि संदिग्ध या दागी ठेकेदारों को चिन्हित किया जाए और जांच उपरान्त आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाए।
ज्ञातव्य है कि लोक निर्माण विभाग की 18 महत्वपूर्ण योजनाओं में ब्लॉक और तहसील मुख्यालय, प्रमुख और अन्य जिला मार्ग, स्टेट हाईवे, धर्मार्थ मार्ग तथा औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक्स पार्क हेतु मार्गों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण, शहरों में बाईपास, रिंग रोड, फ्लाईओवर के निर्माण, अन्तरराज्यीय/अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर पड़ने वाले मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा इन पर गेट का निर्माण, केन्द्रीय मार्ग एवं अवसंरचना निधि के अन्तर्गत मार्गों का चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण, केन्द्रीय मार्ग और अवसंरचना निधि के अन्तर्गत सेतु बन्धन, रेल ऊपरिगामी/अधोगामी सेतु तथा दीर्घ/लघु सेतु का निर्माण, चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, सड़क सुरक्षा, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क/अनजुड़ी बसावट योजनान्तर्गत ग्रामीण मार्गों का नवनिर्माण और नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के कार्य शामिल हैं।