अच्छा इंसान बनने के बाद क़ुर्बानी कीजिए – अल्लामा जाबिर हुसैन सिद्दीक़ी

मुन्ना अंसारी राज्य ब्यूरो
महराजगंज। अपने आवास रोमी चौक,हजारीबाग़ पर प्रेस कर्मियों से बात करते हुए अल्लामा जाबिर हुसैन सिद्दीक़ी ने कुर्बानी के शुभ अवसर फरमाया:–कि आज अरबी महीने के कैलेंडर के अनुसार ज़िलहिज्जा की 10 तारीख़ है। आज ही की तारीख़ में हज़ारों साल पहले प्रॉफिट हज़रत इब्राहिम खलीलुल्लाह को अल्लाह का हुक्म हुआ था के यदि आपको मुझसे बहुत मोहब्बत है,तो अपने लख़्तेजिगर जो 87 साल की उम्र में आपकी बीवी हज़रते हाजरा के बतन से पैदा हुए थे। आप उनको मेरी राह में क़ुर्बान कीजिए। हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने अल्लाह के इस आदेश को अपनी बीवी हज़रत हाजरा को बताया, अपने बेटे हज़रत इस्माइल को बताया। सभी लोग अल्लाह के आदेश के ऊपर सर झुका कर तैयार हो गए। शैतान ने बहुत बहकाने की कोशिश की ,मगर उनकी राह में रुकावट ना बन सका। आज हम जो क़ुर्बानी करते हैं, वह हज़रत इब्राहिम प्रॉफिट की सुन्नत पर अमल करते हैं। हमें अल्लाह के लिए सब कुछ क़ुर्बान करने का सच्चा जज़्बा अपने दिल में रखकर दुनिया से अलग होने का नाम एक अल्लाह का बंदा है। मगर आज हममें हज़ारों बुराइयां हैं ।अगर हमने इन बुराइयों को अपने अंदर से निकाल कर नहीं फेंका,तो सिर्फ जानवर क़ुर्बान कर देने से क़ुर्बानी का मकसद पूरा नहीं होगा, और अल्लाह भी खुश नहीं होगा। हम अल्लाह के सच्चे बंदे बनकर दिखाएं। किसी को दुख ना पहुंचाएं, किसी का हक़ ना मारें ,किसी पर ज़ुल्म ना करें,किसी को बिला वजहे परेशान ना करें, तब अल्लाह हमसे खुश होगा। आज इंसानी समाज में सारी बुराइयां हम लोगों से ही हैं। पहले बुराइयों को ख़त्म करें,और फिर एक अच्छा इंसान बनें।