नशा मुक्त भारत अभियान और एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत सोहगीबरवा थाना क्षेत्र में चलाया गया जागरूकता कार्यक्रम

संपादक नागेश्वर चौधरी
महराजगंज: भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया नशा मुक्त भारत अभियान मादक द्रव्यों के दुरुपयोग और इसके हानिकारक प्रभावों से समाज को मुक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नशे की लत से ग्रस्त व्यक्तियों को समाज में पुनः एकीकृत करना,नशीली दवाओं के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता फैलाना, और एक स्वस्थ,नशा-मुक्त समाज का निर्माण करना है। इसके साथ ही,एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल का लक्ष्य देश की सांस्कृतिक विविधता को एकजुट करते हुए राष्ट्रीय एकता और सौहार्द को बढ़ावा देना है। इन दोनों अभियानों के तहत ग्राम मटियारवा और धरमपुर,सोहगीबरवा थाना क्षेत्र में आयोजित प्रचार-प्रसार कार्यक्रम ने स्थानीय समुदाय को जागरूक करने और सामाजिक बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया।
सोहगीबरवा थाना और स्थानीय स्कूलों के शिक्षकों ने संयुक्त रूप से मटियारवा और धरमपुर गांवों में एक जागरूकता अभियान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में नशे के दुष्प्रभावों,इसके सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी नुकसानों,और एक नशा-मुक्त समाज के महत्व पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही,एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय एकता,सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
इस आयोजन में स्थानीय पुलिस,शिक्षक,सामुदायिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी की।
नशा मुक्त भारत अभियान: उद्देश्य और महत्व
नशा मुक्त भारत अभियान,जो सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 2020 में शुरू किया गया,मादक द्रव्यों के सेवन की व्यापक समस्या से निपटने के लिए एक परिवर्तनकारी पहल है।
इस अभियान के तहत,मटियारवा और धरमपुर में आयोजित कार्यक्रम में नशे के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला गया। नशा न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि परिवारों,समुदायों और समाज के समग्र विकास को भी बाधित करता है। शारीरिक रूप से,यह लीवर की क्षति, हृदय रोग,श्वसन समस्याएंऔर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का कारण बनता है। मानसिक रूप से,यह अवसाद,चिंता और निर्णय लेने की क्षमता को कमजोर करता है। सोहगीबरवा थाना क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में इस पहल को नशा मुक्त भारत अभियान के साथ जोड़ा गया,ताकि यह संदेश दिया जा सके कि एक स्वस्थ और नशा-मुक्त समाज ही सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता का आधार बन सकता है।
कार्यक्रम की गतिविधियां
मटियारवा और धरमपुर में आयोजित इस जागरूकता अभियान में कई गतिविधियां शामिल थीं:
जागरूकता रैलियां: स्थानीय स्कूलों के छात्रों और शिक्षकों ने नशे के खिलाफ नारे लगाते हुए रैलियां निकालीं,जिनमें “नशा छोड़ो,जीवन जोड़ो”और”एक भारत,श्रेष्ठ भारत”जैसे संदेश शामिल थे। पुलिसकर्मियों और ग्रामीणों ने नशा न करने और समाज को नशा-मुक्त बनाने की शपथ ली। यह शपथ सामुदायिक एकता और जिम्मेदारी का प्रतीक थी।
शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नशे के दुष्प्रभावों,पुनर्वास की प्रक्रिया और नशा मुक्ति के लिए उपलब्ध संसाधनों (जैसे ड्रग डी-एडिक्शन हेल्पलाइन 14446) पर चर्चा की। नशे के हानिकारक प्रभावों और स्वस्थ जीवनशैली के लाभों को दर्शाने वाले पोस्टर और बैनर प्रदर्शित किए गए।
सामुदायिक प्रभाव
इस कार्यक्रम का स्थानीय समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। ग्रामीणों,विशेष रूप से युवाओं और महिलाओं,ने नशा मुक्ति के प्रति उत्साह दिखाया। स्कूलों के शिक्षकों ने छात्रों को नशे के खतरों के बारे में शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भविष्य की पीढ़ी को जागरूक और सशक्त बनाया जा सके। पुलिसकर्मियों की सक्रिय भागीदारी ने नशे के अवैध व्यापार के खिलाफ कठोर कार्रवाई का संदेश दिया।