उत्तर प्रदेशप्रयागराज / वाराणसीलखनऊ

मुख्यमंत्री ने वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में अपने विचार व्यक्त किए

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री के कुशल मार्गदर्शन में क्षेत्रीय परिषदें पूरी सक्रियता से इस दिशा में आगे बढ़ रहीं

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प्रांजल केसरी ब्यूरो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विगत 11 वर्षों में भारत ने प्रत्येक क्षेत्र में नयी पहचान बनायी है। भारतीय सैनिकों के अदम्य शौर्य के प्रतीक ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने ‘नये भारत’ के संकल्प और सामर्थ्य से दुनिया को परिचित कराया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व में सेवा,सुशासन और गरीब कल्याण के प्रति समर्पित यह कालखण्ड हमें नयी प्रेरणा देता है। वर्ष 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए ‘टीम इण्डिया’ के रूप में कार्य करने का प्रधानमंत्री जी का आह्वान सहकारी संघवाद को नयी राह दिखाता है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी के कुशल मार्गदर्शन में क्षेत्रीय परिषदें पूरी सक्रियता से इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं।


मुख्यमंत्री जी आज जनपद वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर राज्यों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश ‘बॉटम अप अप्रोच’ के साथ आत्मनिर्भर ग्राम पंचायत की दिशा में अग्रसर है। पंचायती राज अधिनियम-1947 एवं उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत जिला पंचायत अधिनियम-1961 में पंचायतों के लिए ओ0एस0आर0 (स्वयं के संसाधन से आय) सम्बन्धी नियम उपलब्ध है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में 5-7 लोगों को रोजगार देने की व्यवस्था है। ग्राम सचिवालय, मॉडल फेयर प्राइस शॉप (अन्नपूर्णा भवन), बी0सी0 सखी, स्वयं सहायता समूह, सामुदायिक शौचालय के रख-रखाव हेतु केयर टेकर, कन्सल्टिंग इंजीनियर आदि पंचायत स्तर पर आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन का माध्यम बने हैं। प्रदेश में 57,695 पंचायत सहायक, 56,648 सामुदायिक शौचालय केयर टेकर, 40,000 बी0सी0 सखी, 2,987 अन्नपूर्णा भवन कर्मी, 1,875 कन्सल्टिंग इंजीनियर कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 02 वर्षों में ग्राम पंचायतों द्वारा कचरा संग्रहण, कम्पोस्ट खाद की बिक्री, गोबरधन योजना के माध्यम से 360 लाख रुपये से अधिक की आय अर्जित की गई है। तालाबों के पट्टों/नीलामी से अर्जित 46,500 लाख रुपये पंचायतों को हस्तान्तरित की गई है। दुकान/हाट-बाजार/मेला/पार्किंग से किराया/सेवा शुल्क, जल शुल्क आदि भी पंचायतों की आय बढ़ा रहे हैं। 1,500 आबादी तक की छोटी ग्राम पंचायतों में आय एवं आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने के लिए ‘पंचायत प्रतिपूर्ति एवं प्रोत्साहन योजना’ लागू की गई है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्राम सचिवालय के माध्यम से 330 से अधिक सेवाओं की सशुल्क ऑनलाइन डिलीवरी की जा रही है। इसके लिए ग्राम सचिवालय के पंचायत सहायक उद्यमी के रूप में पंजीकृत हैं। ग्राम सचिवालयों द्वारा अब तक 28 लाख से अधिक सेवाएं ऑनलाइन प्रदान करते हुए 420 लाख रुपये एकत्र किए गए हैं। प्रदेश में पांचवां वित्त आयोग वर्ष 2020-21 से प्रचलित है। जनवरी, 2024 में छठा वित्त आयोग गठित किया गया, जिसकी संस्तुतियां एवं सम्बन्धित एक्शन टेकन रिपोर्ट वित्त विभाग द्वारा निर्गत की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनस्वास्थ्य के दृष्टिगत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। 12 मण्डल मुख्यालय (अलीगढ़, अयोध्या, आजमगढ़, बरेली, बस्ती, चित्रकूट धाम, कानपुर नगर, मिर्जापुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, सहारनपुर एवं देवीपाटन) पर नवीन खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाएं तथा मण्डलीय एवं जनपदीय कार्यालय स्थापित हैं। समस्त नवीन प्रयोगशालाओं के संचालन हेतु संयंत्र क्रय किए गए हैं। पूर्व संचालित लखनऊ, गोरखपुर एवं झांसी प्रयोगशालाओं का उच्चीकरण/सुदृढ़ीकरण किया गया है। लखनऊ में ड्रग एवं कॉस्मेटिक प्रयोगशाला स्थापित है। 06 प्रयोगशालाएं (03 नवीन व 03 उच्चीकृत) जुलाई, 2025 में तथा शेष 09 नवीन प्रयोगशालाएं दिसम्बर, 2025 तक क्रियाशील हो जाएंगी। इससे खाद्य विश्लेषण क्षमता 36,000 नमूने प्रतिवर्ष से बढ़कर 1,08,000 नमूने प्रतिवर्ष तथा औषधि के नमूनों की विश्लेषण क्षमता 12,000 नमूने से बढ़कर 54,500 नमूने प्रतिवर्ष हो जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नवीन मण्डलीय प्रयोगशालाओं हेतु 1,237 नवसृजित पद पर नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है। लखनऊ, मेरठ एवं वाराणसी में नवीन माइक्रो बायोलॉजी प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। लखनऊ तथा मेरठ की प्रयोगशालाओं में प्रोटोजोन्स, विषाणु, जीवाणु, माइक्रोटॉक्सिंस एवं अन्य रोगकारक जीवों की जाँच सम्भव हुई है। 05 प्रयोगशालाओं में एच0ई0ई0 उपकरण/संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे हैवी मेटल्स, इन्सेक्टीसाइड, पेस्टीसाइड एवं हानिकारक रसायनों की जाँच सम्भव हुई है। 36 सचल खाद्य प्रयोगशाला के माध्यम से त्वरित जाँच के साथ-साथ जनता को जागरूक एवं प्रशिक्षित किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ऑनलाइन खाद्य एवं औषधि लाइसेंस एवं खाद्य पंजीकरण, ई-ऑफिस पोर्टल, ई0एच0आर0एम0एस0, जनहित गारण्टी अधिनियम, यू0पी0 इन्वेस्ट पोर्टल, फूडसेफ्टी कनेक्ट ऐप, आई0जी0आर0एस0 एवं इन्फोलनेट लैब नेटवर्क पोर्टल लागू किया गया है। खाद्य पदार्थ एवं मिलावट की रोकथाम हेतु शिकायत दर्ज कराने के लिए प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान पर फूड कनेक्ट ऐप एवं टोल फ्री नम्बर 1800-180-55-33-प्रदर्शित कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी ग्राम बैंकिंग सुविधा से आच्छादित हैं। प्रधानमंत्री जनधन योजना में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। उत्तर प्रदेश का बी0सी0 सखी कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन का उदाहरण बना है। लगभग 40,000 बी0सी0 सखी द्वारा 36,600 करोड़ रुपये से अधिक का वित्तीय लेन-देन करते हुए 100 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभांश अर्जित किया गया है। प्रदेश का सी0डी0 रेशियो 44 प्रतिशत से बढ़कर 60 प्रतिशत की सीमा पार कर गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपराध और अपराधियों के विरुद्ध प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। बलात्कार व पॉक्सो अपराधों के अभियोगों के समयबद्ध अनुश्रवण हेतु भारत सरकार द्वारा दिनांक 21 अप्रैल, 2018 से इन्वेस्टीगेशन ट्रैकिंग सिस्टम फॉर सेक्सुअल ऑफेन्सेज पोर्टल प्रचलित है। पुलिस महानिदेशक तथा मुख्य सचिव द्वारा अभियोगों की स्थिति की नियमित समीक्षा की जाती है। वर्तमान में (वर्ष 2018 से 30 दिसम्बर, 2024 तक) कुल दर्ज 1,12,679 अभियोगों के सापेक्ष 1,11,298 अभियोगों का निस्तारण किया गया है। 98.80 प्रतिशत डिस्पोजल रेट के साथ उत्तर प्रदेश, देश में द्वितीय स्थान पर है। वर्तमान में (वर्ष 2018 से 30 दिसम्बर, 2024 तक) 78.60 प्रतिशत (कॉम्प्लाइन्स रेट) के आधार पर उत्तर प्रदेश, देश में तीसरे स्थान पर है। वर्तमान में (वर्ष 2018 से 30 दिसम्बर, 2024 तक) 0.15 प्रतिशत पेण्डेन्सी रेट के आधार पर उत्तर प्रदेश, देश में द्वितीय स्थान पर है। पीड़िताओं को क्षतिपूर्ति हेतु समयबद्ध आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की व्यवस्था का सतत् अनुश्रवण किया जा रहा है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि थाना स्तर पर महिला बीट प्रणाली लागू की गई है। सभी थानों पर महिला बीट आरक्षी तथा महिला हेल्प डेस्क की व्यवस्था है। महिला बीट कार्मिकों द्वारा महिला की शिकायत/समस्या पर थाना/चौकी से समन्वय कर त्वरित कार्यवाही करायी जाती है। पीड़िताओं/महिलाओं को क्षतिपूर्ति योजनाओं की जानकारी दी जाती है। महिलाओं को कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए निराश्रित महिलाओं को योजनाओं का लाभ दिलवाने में सहायता की जाती है। लैंगिक हिंसा से पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में पंजीकृत अधिवक्ताओं की सूची, सभी थानों पर प्रदर्शित कराने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से संचालित ‘पोषण अभियान’ स्वस्थ एवं सक्षम भारत की नींव रखता है। समेकित बाल विकास सेवा (आई0सी0डी0एस0) योजना के अन्तर्गत समस्त 75 जनपदों में 1.89 लाख आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से, 06 माह से 06 वर्ष के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के पोषण स्तर में सुधार हेतु लगभग 2.12 करोड़ लाभार्थियों को अनुपूरक पुष्टाहार का वितरण किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 03 से 06 वर्ष के बच्चों को हॉट कुक्ड मील उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में वर्ष 2024-25 तथा वर्ष 2025-26 में 3,58,550 लाभार्थियों को 163.33 करोड़ रुपये हस्तान्तरित किए गए हैं। समेकित बाल विकास सेवा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 18,882 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री का नवीन चयन हुआ है। 3,072 आंगनबाड़ी सहायिकाओं की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री तथा 320 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की मुख्य सेविका के पद पर पदोन्नति की गई है। इन कार्मिकों को नियमित प्रशिक्षण दिया गया है। कुशल मानव सम्पदा प्रबन्धन से आंशिक संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों का पूर्ण संचालन सम्भव हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत बच्चों के शारीरिक विकास के मापन की नियमित निगरानी के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की मापन दक्षता में वृद्धि हुई है। ‘सम्भव अभियान’ में बच्चों का वजन एवं लम्बाई मापने का अभियान चलाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप गत वर्षों की तुलना में प्रदेश की मापन दक्षता के आंकडे़ 97 प्रतिशत तक पहुंचे हैं। राष्ट्रीय परिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण एन0एफ0एच0एस0-4 (2015-2016) एवं एन0एफ0एच0एस0-5 (2019-21) में तुलनात्मक गुणवत्तापूर्ण प्रगति हुई है। नाटापन 46.3 से घटकर 39.7 प्रतिशत, दुबलापन 17.9 से घटकर 17.3 प्रतिशत तथा गम्भीर कुपोषण 7.3 प्रतिशत दर्ज हुआ है। पोषण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रत्येक माह गोदभराई व अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विधि से संघर्षरत तथा अनाथ, परित्यक्त, अभ्यर्पित एवं विपरीत परिस्थितियों में प्राप्त बच्चों के पालन-पोषण, देखभाल, सुरक्षित आश्रय प्रदान किए जाने के उद्देश्य से 10 जनपदों-वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, झांसी, कानपुर देहात, अयोध्या, अमेठी, मथुरा, फिरोजाबाद एवं बस्ती में 100 करोड़ रुपये लागत की मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना प्रारम्भ की गई है। उत्तर प्रदेश द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-2013 यथासंशोधित-2023 को मानक सहित लागू करने की समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में अग्रणी स्थिति में है। टेक होम राशन योजना के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 की दरों पर ही प्रतिपूर्ति की जा रही, जो काफी कम है। दरों को संशोधित करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि मातृशक्ति की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन का कार्य सम्पूर्ण समाज के स्वावलम्बन का आधार बनता है। विगत 08 वर्षों में प्रदेश में कामकाजी महिलाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के दृष्टिगत स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेण्ट के अन्तर्गत 08 ’कामकाजी महिला छात्रावास’ का निर्माण जनपद लखनऊ, गौतमबुद्धनगर तथा गाजियाबाद में किया जा रहा है। प्रदेश के संसाधनों से मुख्यमंत्री श्रमजीवी अहिल्याबाई होल्कर महिला छात्रावास योजना के अन्तर्गत 07 जनपदों-वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर नगर, झांसी एवं आगरा में 500-500 की क्षमता के श्रमजीवी महिला छात्रावासों का निर्माण प्रस्तावित है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकसित भारत की इमारत शिक्षा की सुदृढ़ नींव पर आकार लेगी। इसलिए राज्य सरकार का शिक्षा के उन्नयन पर पूरा ध्यान है। परिषदीय विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने हेतु प्रदेश में प्रत्येक वर्ष ’स्कूल चलो अभियान’ संचालित किया जाता है। ड्रॉप आउट दर कम करने के लिए सुनियोजित प्रयास किए गए। यूडायस डेटा वर्ष 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर ड्रॉप आउट दर 1.7, उच्च प्राथमिक स्तर पर ड्रॉप आउट दर 3.9 तथा माध्यमिक स्तर पर ड्रॉप आउट दर 8.67 रह गयी है। यह उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अध्यापकों द्वारा डोर टू डोर सर्वे के माध्यम से बच्चों को चिन्हित एवं विद्यालय में नामांकित कराने के उपरान्त ‘शारदा ऐप’ के माध्यम से बच्चों का विवरण अंकित किया जाता है। ‘शारदा पोर्टल’ के माध्यम से आउट ऑफ स्कूल बच्चों की उपस्थिति एवं अधिगम स्तर विद्यालय, ब्लॉक, जनपद एवं राज्य स्तर से ट्रैक किया जाता है। ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों को 19 अवस्थापना सुविधाओं से सुदृढ़ किया गया है। समस्त परिषदीय विद्यालयों को आकर्षक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध करायी गयी है। दीक्षा ऐप पर शिक्षकों और विद्यार्थियों के उपयोगार्थ 16,000 से अधिक वीडियो एवं विजुअल्स शिक्षण सामग्री उपलब्ध है। विद्यालयों में खेल-कूद सामग्री के क्रय हेतु धनराशि उपलब्ध करायी गई है। विद्यालय की गतिविधियों से समुदाय/अभिभावकों को जोड़े जाने से छात्र-छात्राओं के ठहराव में वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ संचालित है। अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के जीर्णोद्धार व अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ में सहयोगी अनुदान की व्यवस्था की गई है। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 में कक्षा 3, 6 एवं 9 के छात्र-छात्राओं की अधिगम सम्प्राप्ति का आकलन किया गया है। इस सर्वेक्षण में पहली बार कक्षा 3 के छात्र-छत्राओं का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से अधिक है। कक्षा 6 के विद्यार्थियों के प्रदर्शन के आधार पर उत्तर प्रदेश शीर्ष राज्यों में सम्मिलित होने में सफल रहा है। कक्षा 9 के छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन भी राष्ट्रीय औसत के सन्निकट है। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण-2024 में प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार होने से आगामी परफॉर्मेन्स ग्रेडिंग इण्डेक्स में उत्तर प्रदेश के परिणाम में महत्वपूर्ण सुधार परिलक्षित होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय विहीन 06 मण्डलों में विश्वविद्यालय निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया गया है। आज प्रदेश में पहली बार चिकित्सा विश्वविद्यालय, आयुष विश्वविद्यालय, खेल विश्वविद्यालय, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वानिकी एवं औद्यानिक विश्वविद्यालय, राज्य फॉरेंसिक विज्ञान संस्थान की स्थापना के कार्यक्रम देखने को मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा तथा केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन से देश में सहकारिता आन्दोलन नई ऊंचाई की ओर अग्रसर है। सहकारिता विभाग में निबन्धित 7,938 एम-पैक्स में 1.09 करोड़ सदस्य हैं। इस वित्तीय वर्ष में पैक्स समितियों के माध्यम से 3.76 लाख किसानों को 3 प्रतिशत ब्याज दर पर 3132.06 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। भारत सरकार की सहकार से समृद्धि योजना के अन्तर्गत अब तक 3,062 समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है। शेष का कम्प्यूटरीकरण प्रक्रियाधीन है। सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना के अन्तर्गत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयनित कोटवा पाण्डे सहकारी समिति, जनपद मिर्जापुर में 1,500 एम0टी0 का गोदाम दिसम्बर, 2023 में पूर्ण हो गया है। वर्तमान में 16 जनपदों में 24 बी-पैक्स समितियों में गोदाम निर्माण कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र के रूप में 288 एम-पैक्स समितियों को ड्रग लाइसेंस मिले हैं। इनमें से 106 जन औषधि केन्द्र के रूप में संचालित हैं। शेष पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जन सेवा केन्द्रों के रूप में कार्यरत 5,170 एम-पैक्स समितियों द्वारा 19 करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है। इस कार्य में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। 6,410 एम-पैक्स समितियां प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित की गई हैं। इनके माध्यम से किसानों को कृषि सम्बन्धी उपयोगी जानकारी के साथ-साथ बीज, उर्वरक, कीटनाशक व अन्य कृषि रक्षा रसायनों की उपलब्धता, ड्रोन सेवा और प्रशिक्षण, फसल बीमा इत्यादि सुविधाएं दी जा रही हैं। इनमें मृदा परीक्षण की भी सुविधा दी जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एन0सी0सी0एफ0 पोर्टल पर पंजीकृत 2,805 समितियों तथा एन0ए0एफ0ई0डी0 पोर्टल पर पंजीकृत 516 पैक्स समितियों द्वारा दलहनी एवं तिलहनी फसलों की खरीद की गई है। सहकार से समृद्धि योजना के सुदृढ़ संचालन एवं मार्गदर्शन हेतु राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्टेट को-ऑपरेटिव डेवलपमेण्ट कमेटी की अद्यतन 02 बैठकें सम्पन्न हो चुकी हैं। सभी जनपदों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव डेवलपमेण्ट कमेटी की अब तक 257 बैठकें आयोजित की गई हैं। अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अवसर पर वर्षपर्यन्त विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। अब तक सहकारिता मैराथन (रन फॉर को-ऑपरेशन) का आयोजन तथा यू0पी0 एस0डब्ल्यू0सी0 के 20,000 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदामों का उद्घाटन किया गया है। आई0वाई0सी0-2025 पोर्टल का शुभारम्भ तथा ई-ऑफिस की ऑनबोर्डिंंग कार्यक्रम भी सम्पन्न हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश ने नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। वर्ष 2017 तक प्रदेश की विद्युत उत्पादन क्षमता 15,916 मेगावॉट थी, जो वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 8,952 मेगावॉट वृद्धि के साथ 24,868 मेगावॉट हो गयी है। इस वर्ष इसमें 2,316 मेगावॉट की बढ़ोत्तरी होगी, इससे वर्ष के अंत तक उत्पादन क्षमता 27,184 मेगावॉट हो जाएगी। राज्य सरकार ने 18,040 मेगावॉट के 13 बिजलीघरों का काम आगे बढ़ाया है। इसमें से लगभग 9,000 मेगावॉट के बिजलीघर चालू हो चुके हैं तथा शेष पर कार्य चल रहा है। प्रदेश में 1,21,324 मजरों का विद्युतीकरण किया गया तथा 1.78 करोड़ विद्युत संयोजन निर्गत किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फीडर स्तर पर 24,704 स्मार्ट मीटर की स्थापना से लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति की जा रही है। अब तक 95,383 स्मार्ट मीटर वितरण ट्रांसफॉर्मर स्तर पर स्थापित किए गए हैं। इस कार्य को मार्च, 2026 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। उपभोक्ता स्तर पर अब तक 23,74,590 स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं। यह कार्य दिसम्बर, 2028 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। प्रदेश में रोस्टर के अनुरूप सुचारु विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नगरों की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नियोजित कार्यवाही की गई है। वर्तमान में 89 महायोजनाएं स्वीकृत हैं। अमृत योजना के अन्तर्गत 59 नगरों की वर्ष 2031 के लिए 29 पुनरीक्षित महायोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। 02 नयी महायोजना (बागपत-बड़ौत-खेकड़ा एवं अमरोहा) स्वीकृत की गई हैं। मुरादाबाद विकास क्षेत्र में सम्मिलित गजरौला नगर की महायोजना स्वीकृत है। इसके अतिरिक्त, 24 नगरों की पुनरीक्षित महायोजनाओं तथा 04 नगरों की नई महायोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।

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