समाज के सभी वर्गों के बीच समानता और एकता की भावना जागृत करना ही सेवा है – राघव कुमार

प्रांजल केसरी न्यूज डेस्क
हमीरपुर: आज दिनांक 5 जुलाई 2025 को चक्रीय बैठक में राघव कुमार सह सेवा संयोजक ने कहा समरसता एवं सेवा कार्य का अर्थ है समाज में समानता और सद्भाव स्थापित करना तथा जरूरतमंदों की मदद करना। यह कार्य सामाजिक न्याय,समानता और आपसी सहयोग पर आधारित होता है। समरसता का अर्थ है समाज के सभी वर्गों के बीच समानता और एकता की भावना। इसमें जाति,धर्म,लिंग,वर्ग आदि के आधार पर भेदभाव को समाप्त करना और सभी को समान अवसर प्रदान करना शामिल है।
सेवा कार्य का अर्थ है दूसरों की मदद करना,विशेष रूप से उन लोगों की जो वंचित हैं या जिन्हें सहायता की आवश्यकता है। इसमें गरीबों,बीमारों,वृद्धों,विकलांगों और जरूरतमंदों की मदद करना शामिल है। समरसता और सेवा कार्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। समरसता के बिना सेवा कार्य का कोई अर्थ नहीं है,और सेवा कार्य के बिना समरसता अधूरी है। जब हम समाज में समरसता स्थापित करते हैं,तो हम सभी के लिए समान अवसर पैदा करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी पीछे न छूटे। सेवा कार्य समरसता को मजबूत करता है। जब हम दूसरों की मदद करते हैं,तो हम उनके प्रति सहानुभूति और करुणा दिखाते हैं। यह सहानुभूति और करुणा समाज में एकता और सद्भाव की भावना को बढ़ावा देती है।
समरसता और सेवा कार्य के कुछ उदाहरण:
•गरीबों को भोजन,कपड़े और आश्रय प्रदान करना।
•बीमारों को चिकित्सा सहायता प्रदान करना।
•बच्चों को शिक्षा प्रदान करना।
•वृद्धों और विकलांगों की देखभाल करना।
•प्राकृतिक आपदाओं के पीड़ितों की मदद करना।
समरसता और सेवा कार्य एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। हमें हमेशा समाज में समरसता और सद्भाव स्थापित करने और दूसरों की मदद करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। समय समय पर गाँव/ बस्ती मे कोई न कोई आयोजन करते रहना चाहिए। इस बैठक में शिवसिंह प्रदेश सेवा प्रमुख,शिवकरन जी सम्भाग निरीक्षक,तथा केन्द्र संचालक/ संचालिका उपस्थित रहे।