राष्ट्र को मुख्यधारा से जोडना सरस्वती संस्कार केंद्र का दायित्व – राघव कुमार

प्रांजल केसरी न्यूज डेस्क
हमीरपुर: आज दिनांक 8 जुलाई 2025 को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज,हमीरपुर में राघव ने संस्कार केंद्र के दो घंटे की समय सारिणी पर विस्तार से चर्चा किया।
संस्कार के वर्ग में जो आप लोगो ने सिखा है। बस्ती/ गाँव में छ आयाम को क्रियान्वयन करना है। शिक्षा,स्वस्थ,स्वावलम्बन,समरसता,संस्कृति,देशभक्ति,बस्ती के लोगों से निरंतर संपर्क करना है। सरस्वती संस्कार केन्द्र के माध्यम से बस्ती में जागरूक कर राष्ट्र के मुख्यधारा से जोडना का कार्य हम सभी केन्द्र संचालक/संचालिका का दायित्व है।

सरस्वती संस्कार केन्द्रो के लिए है।
-शिक्षा,स्वास्थ्य व संस्कार से ही हमसब आत्मनिर्भर होकर अपनी प्रगति कर सकते हैं।
-इसके लिए हमें सदैव तैयार होना होगा। बिना बस्ती के सहयोग से यह संभव नहीं हो सकता है।
-हर काम के लिए सरकार की ओर देखना हमारी आदत बन गयी है। यह ठीक नहीं है। जो अपनी सहायता स्वयं करता है उसकी सहायता भी करता है।
-हम विद्या भारती के द्वारा चलने वाले विद्यालयों के लोग है। आप और हम मिलकर बस्ती की प्रगति करे यही समय की मांग है।
-ध्यान रहे यह कोई सरकारी योजना नहीं है। यह हमारे गाँव या बस्ती की अपनी योजना है। इसका सम्बन्ध जाति बिरादरी या राजनीति से किंचित भी नहीं है।
संस्कार केन्द्र पर प्रभुभक्ति –
-सबसे पहले महिलाऐ भजन मण्डली तैयार करे। गाँव/बस्ती मे वाद्ययंत्र के साथ करना है।
-प्रत्येक एकादशी को 2 घंटे का भजन कीर्तन कार्यक्रम बस्ती/गाँव के मंदिर या किसी सर्वजनिक स्थान पर होगा। गाव में उपलब्ध चित्रो (देवी देवताओं के) से कीर्तन स्थल को सजाना न भूले। प्रसाद की व्यवस्था बस्ती के घरों से होगी।
-अंत मे आरती होगी। आरती पर चढ़ावे की राशि गिनकर रसीद काटी जाय। धन बस्ती के किसी प्रमुख ब्यक्ति के यहाँ रखा जाय। अन्यथा विद्यालय में जमा किया जाय।
-आरती से प्राप्त धन से भजन कीर्तन के लिए आवश्यक सामाग्री वाद्ययंत्र,भगवान का चित्र,अगरबत्ती,स्टैण्ड,घंटा घडि़याल,शंखादि क्रय किया जा सकता है।
-भजन कीर्तन में कभी कभी संत-महात्मा के द्वारा कोई कथा प्रवचन भी कराया जाय। प्रवचन की भाषा व घटनायें बस्ती के स्तर के अनुरूप चाहिए।
-चर महीने में एकबार गाव/बस्ती के लोगों का स्वस्थ परीक्षण कराया जाय।
-हर सप्ताह गांव/बस्ती के लोगों के द्वारा की स्वच्छता अभियान।
– प्रर्यावरण के दृष्टि से गांव/बस्ती में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाय।
– रक्षाबन्धन एवं मकर संक्रांति,नवरात्रि में कन्यापूजन समरसता का कार्यक्रम है। बस्ती/ गाव में कार्यक्रम सरस्वती संस्कार केन्द्र माध्यम करना है।

एक गाँव में सेठ रहते थे। उनके दुकान पर एक ग्राहक आया था समान खरीदने के लिए। सेठ ने सब समान तौल दिया। ग्राहक ने रूपये देते समय ग्राहक ने दस रूपये कम था। सेठ ने कहा उधार नहीं देगे। दस रूपये का समान कम कर दिया। ग्राहक ने कहा हम तीन दिन से भूखे हैं। कम समान मत करना हम बाद दे जायेगे। लेकिन सेठ ने नहीं माना और दस रूपये का कम समान दिया। बाद में सेठ ने दो भोजन पैक कराकर ग्राहक को दिया। सेवा सेठ ने किया। लेकिन व्यवसाय करते समय दया नहीं करना है। सेवा करते समय उदारता पूर्वक करना चाहिए। संस्कार केन्द्र के समापन में राघव कुमार,सह संयोजक,प्रभाकर मिश्रा प्रान्त सेवा प्रमुख तथा विद्यालय के सभी आचार्य,रमेश राय जी प्रधानाचार्य,कुड़ीलाल रुगंटा सरस्वती विद्या मंदिर खलीलाबाद संतकबीरनगर,सभी केन्द्र संचालक/संचालिका उपस्थित रहे।