उत्तर प्रदेशलखनऊ

मुख्यमंत्री ने अयोध्या के किष्किन्धा वन में त्रिवेणी वाटिका की स्थापना कर‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0‘ पौधरोपण महाभियान का शुभारम्भ किया

एक पेड़ माँ के नाम 2.0‘ महाभियान,वर्तमान को संवारने और भविष्य को बचाने के अभियान का हिस्सा : मुख्यमंत्री

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प्रांजल केसरी न्यूज डेस्क
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा धरती माता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए चलाए गये अभियान के क्रम में आज प्रभु श्रीराम की पावन धरा अयोध्या धाम में ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0‘ महाभियान में भागीदार बनने का अवसर प्राप्त हो रहा है। यह वर्तमान को संवारने और भविष्य को बचाने के अभियान का हिस्सा है। हम सभी के लिए प्रत्येक पेड़ जीवनदायी बनेगा। यदि हम पेड़ों का संरक्षण करेंगे, तो वह हमारा भी संरक्षण करेंगे। प्रत्येक प्रदेशवासी आज प्रातः काल 07 बजे से ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ महाभियान के साथ प्राण-पण से जुड़कर कार्यक्रम को सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचाने में अपना योगदान दे रहा है। विपरीत मौसम के बाद भी सुबह 07 बजे से दोपहर 12 बजे तक लगभग 16 करोड़ से अधिक पौधरोपण हो चुका है।


मुख्यमंत्री जी अयोध्या के किष्किन्धा वन में त्रिवेणी वाटिका की स्थापना कर ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0‘ पौधरोपण महाभियान का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने त्रिवेणी वाटिका के अन्तर्गत नीम, बरगद व पीपल के पौधे रोपित किये। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्याः‘ हमारा वैदिक उद्घोष है। माँ की सेवा करना, किसी संकट या चुनौती से उसकी रक्षा करना पुत्र का दायित्व है। इन दायित्वों का निर्वहन करने वाला पुत्र सपूत कहलाता है। दायित्वों का निर्वहन न करने वाले पुत्र को कपूत कहा जाता है। आज हम सभी के पास धरती माता और हमें जन्म देने वाली मां के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन को लेकर लगातार चेतावनी जारी की जा रही है। अतिवृष्टि, अनावृष्टि, आकाशीय बिजली के कारण होने वाली मौतों तथा बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना हमारे साथ-साथ पूरी दुनिया को करना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री जी ने अमेरिका के एक समाचार का उल्लेख करते हुए कहा कि टेक्सस सिटी में कैम्प करने गये सैकड़ों बच्चे नदी में अचानक आए तेज जल बहाव के कारण लापता हो गये। यह अनियोजित व अवैज्ञानिक विकास की दुरभिसंधि का परिणाम है, जिसकी कीमत पर्यावरण की चुकानी पड़ रही है। आज तकनीक विकसित हो चुकी है। नियोजित और वैज्ञानिक प्रयास के माध्यम से हम पर्यावरण के साथ धरती माता की सेहत की भी रक्षा कर सकते हैं। साथ ही, विकास के माध्यम से मानवता के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वन विभाग, मनरेगा, निजी क्षेत्र की नर्सरियों तथा अन्य विभागों के समन्वय से इस वर्ष प्रदेश में 52 करोड़ पौधे रोपण के लिए तैयार हैं। पौधरोपण महाभियान के अन्तर्गत प्रदेश में एक दिन में 37 करोड़ पौधे रोपित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह उस क्रमिक विकास की प्रक्रिया को बताता है कि कैसे 08 वर्ष में दस गुना से अधिक बड़े लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। यह वह क्रम है, जो आज नये भारत के नये उत्तर प्रदेश में प्रत्येक क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।
विगत 08 वर्षों में 204 करोड़ पौधरोपण का कार्य सम्पन्न किया गया है। इसमें 75 प्रतिशत से अधिक पेड़ जीवित हैं। केन्द्रीय पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के वनाच्छादन में वृद्धि हुई है। प्रदेश द्वारा थर्ड पार्टी के रूप में नियुक्त की गयी संस्थाओं की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 05 लाख एकड़ क्षेत्रफल में वन आच्छादन बढ़ा है। अब हम हीटवेव से ग्रीनवेव की ओर बढ़ चुके हैं। हम आने वाले समय में जीव सृष्टि को बचा पाने में समर्थ होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पेड़ छाया, फल, इमारती लकड़ी प्रदान करने के साथ-साथ मृदा संरक्षण का भी कार्य करता है। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाता है। हम पर्यावरण को बचाने व वन आच्छादन को बढ़ाने में सफल हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप हमने प्रदेश में प्रधानमंत्री जी के विजन को आगे बढ़ाने तथा अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी सफलता प्राप्त की है। देश में विगत दस वर्षों में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण हेतु सुनियोजित प्रयास किये गये हैं। नगरीय क्षेत्रों में हैलोजन लाईट के स्थान पर एल0ई0डी0 लाईट को प्रतिस्थापित करना तथा कोयला व केरोसीन वाले चूल्हे के स्थान पर हर गरीब परिवार को निःशुल्क एल0पी0जी0 कनेक्शन व सिलेण्डर उपलब्ध कराना कॉर्बन उत्सर्जन को रोकने के अभियान हैं। पर्यावरण को बचाने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगायी गयी।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के जिन किसानों द्वारा 05 वर्ष पूर्व अपने खेत में पेड़ लगाकर पौधों का रजिस्ट्रेशन करवाया गया था, प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें वन विभाग के माध्यम से अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं से जोड़ा गया। परिणामस्वरूप उन्हें कार्बन क्रेडिट फाइनेन्सिंग के माध्यम से 06 डॉलर प्रति पेड़ के हिसाब से धनराशि मिलनी प्रारम्भ हो गयी है। उन किसानों को अगले 05 वर्षों तक यह धनराशि प्राप्त होगी। गत वर्ष प्रदेश सरकार द्वारा 25 हजार से अधिक किसानों को यह धनराशि उपलब्ध करायी गयी थी। इस बार प्रदेश के 07 मण्डलों के इससे अधिक किसानों को 42 लाख रुपये की धनराशि वितरण करने जा रहे हैं। आज यहां उन किसानों को कार्बन क्रेडिट का लाभ देकर सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने कार्बन क्रेडिट फाइनेन्सिंग स्कीम के अन्तर्गत अपने खेतों में पेड़ लगाये थे। अगले 05 वर्षों तक लगातार उसकी मॉनीटरिंग की।
पेड़-पौधों में भी जीवन होता है। इसकी पुष्टि विश्व में सर्वप्रथम भारतीय वैज्ञानिक आचार्य जगदीश चन्द्र बसु ने अपने वैज्ञानिक प्रयोग के माध्यम से की थी। हमारे देश व प्रदेश में प्राचीन काल से ही पेड़ की पूजा की जा रही है। हरिशंकरी व नव ग्रह वाटिका लगाने का कार्य भी प्राचीन काल से होता रहा है। अलग-अलग पेड़ों में अलग-अलग देवी-देवताओं का वास माना गया है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब अयोध्या एक नये स्वरूप में बसने जा रही है। यह त्रेताकालीन अयोध्या को पुनर्स्थापित करने का अभियान है। देश व दुनिया के लोग अयोध्या में रहने के लिए आ रहे हैं। यदि अयोध्या के लोग दस कदम चलते हैं, तो प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए सौ कदम चलने के लिए तैयार है। हम सरयू मइया तथा धरती माता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। वन विभाग के माध्यम से रामायण काल के वृक्षों को पुनः स्थापित कर भगवान श्रीराम के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। सूर्यवंश की राजधानी रही अयोध्या को देश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है। अयोध्या में चौड़ी सड़कें व सुन्दर घाट हैं। पहले रामजी की पैड़ी पर सरयू का जल बद्बू करता था। आज यह जल एक ओर से प्रवेश कर दूसरी ओर निकल जाता है। अयोध्या में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका है।
कार्यक्रम से पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर तथा श्री हनुमानगढ़ी मन्दिर में दर्शन-पूजन किया।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही व वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) डॉ0 अरुण कुमार सक्सेना ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

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