यह अभियान केवल एक वृक्षारोपण का कार्य मात्र ही नहीं,बल्कि वर्तमान को संजोने तथा भविष्य को बचाने का भी एक अभियान : मुख्यमंत्री
चिलुआताल का रामगढ़ताल की तरह पुनरुद्धार किया जाएगा

प्रांजल केसरी न्यूज डेस्क
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में चिलुआताल के किनारे खाद कारखाना परिसर में प्रदेश सरकार द्वारा संचालित वृहद वृक्षारोपण अभियान ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ के अन्तर्गत पौधरोपण कर ‘पवित्र धारा वन’ की स्थापना की। इस अवसर पर उन्होंने किसानों एवं अन्य लोगों को पौधों का वितरण भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के वृक्षारोपण महाभियान के तहत प्रदेश में प्रातः 7 बजे से सायं 4 बजे तक लगभग 32 करोड़ पौधरोपण का कार्य सम्पन्न हो चुका है। प्रदेश सरकार के इस महाभियान से जुड़े सभी सामाजिक एवं स्वयंसेवी संगठन, शासन-प्रशासन के अधिकारीगण एवं जनप्रतिनिधिगण अभिनन्दन के पात्र हैं। उन्हें आज प्रातःकाल जनपद अयोध्या, उसके बाद आजमगढ़ एवं गोरखपुर में इस अभियान से जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। आज हर व्यक्ति को अपार उत्साह के साथ अपनी माँ की स्मृतियों को जीवन्त बनाए रखने और धरती माता के प्रति अपने कर्तव्यों के निवर्हन के लिए एक अवसर प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह केवल एक वृक्षारोपण का कार्य मात्र ही नहीं, बल्कि वर्तमान को संजोने तथा भविष्य को बचाने का भी एक अभियान है। वर्तमान में पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के भीषण संकट से गुजर रही है। हम सबने देखा कि वर्तमान में अनेक चुनौतियां दुनिया के सामने आ रही हैं। कल समाचारों में हम सबने देखा है कि अमेरिका में एक नदी के तट पर स्कूल कैम्प लगा था, जहां पर अचानक बाढ़ आयी और सभी बह गए, सैकड़ों बच्चे गायब हैं, वाहन जहां-तहां पड़े हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण कहीं अतिवृष्टि है, तो कही अनावृष्टि। कहीं आकाशीय बिजली से जन-धन की हानि हो रही है, तो कहीं पर प्रचण्ड गर्मी पड़ रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस मौसम में पहले मूसलाधार वर्षा हुआ करती थी, लेकिन अब मौसम चक्र बदलता हुआ दिखायी दे रहा है। इन चीजों का असर खाद्यान्न उत्पादन पर पड़ रहा है। यह परिवर्तन मानव की अनियोजित और अवैज्ञानिक सोच का परिणाम है जिसकी कीमत आज पूरा विश्व और मानव जाति भुगत रही है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देशवासियों के समक्ष जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने के लिए सुनियोजित प्रयास हेतु कुछ लक्ष्य तय किए थे। आज उसी के परिणामस्वरूप पूरे देश में एवं पूरे उत्तर प्रदेश में वनाच्छादन बढ़ा है। उत्तर प्रदेश ने 05 लाख हेक्टेयर में वनाच्छादन को बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में वनाच्छादन लगातार गिरता जा रहा था, वन माफिया, भू-माफिया वनों को काटते थे। ऐसे माफियाओं का उचित प्रबन्ध कर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुसार प्रदेश में वृक्षावरण बढ़ाने हेतु महाभियान चलाया। आज उसी का परिणाम है कि विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश में 204 करोड़ वृक्षारोपण के कार्य को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया। यह देश में किसी भी राज्य द्वारा किए जाने वाले वृक्षारोपण में सर्वाधिक है। इस प्रयास के कारण ही देश में वनाच्छादन बढ़ाने में उत्तर प्रदेश ने अग्रणी भूमिका निभायी है। यह अभियान धरती माँ तथा अपनी माँ के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री जी ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सुनियोजित प्रयास किए थे। कार्बन उत्सर्जन प्रदूषण का एक कारण एवं पर्यावरण के लिए एक संकट है। उसकी चपेट में मनुष्य, जीव-जन्तु आसानी से आ जाते हैं। इसके प्रभाव से फेफड़े खराब होंगे, श्वास की बीमारियां बढ़ेंगी। इन बीमारियों से बचाने के लिए प्रधानमंत्री जी ने उज्ज्वला योजना के माध्यम से हर घर में रसोई के निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए। पहले लकड़ी, केरोसीन या कोयले से भोजन बनता था, किन्तु अब सबके पास रसोई गैस सिलेण्डर है। यह एक ग्रीन ईंधन है, जो न्यूनतम प्रदूषण करता है। प्रदेश सरकार ने पिछले 02 वर्ष से होली और दीपावली के अवसर पर निःशुल्क सिलेण्डर देने का कार्य किया है। हम एक तरफ घर में इस्तेमाल होने वाले ईंधन को प्रदूषण से मुक्त रख रहे हैं, तो दूसरी तरफ शहरी क्षेत्रोंं में हैलोजन लाइट के स्थान पर एल0ई0डी0 लाइट लगायी गयी है। इसके कारण पर्यावरण का जो संकट हो रहा था, उससे भी बचाव हुआ है। इससे बिजली की खपत कम हुई और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिली है। हर घर शौचालय का अभियान भी इसी कार्यक्रम का हिस्सा है। ऐसे अनेक कार्यक्रम संचालित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस बार प्रदेश सरकार ने 37 करोड़ वृक्षारोपण एक दिन में करने का लक्ष्य तय किया है। आज प्रदेश सरकार ‘वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट’, ‘वन डिस्ट्रिक, वन क्रॉप’ दे रही है। माफिया प्रवृत्ति पर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति का परिणाम पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है। अब प्रदेश के नौजवानों के समक्ष पहचान का संकट नहीं है। आज प्रदेश का नौजवान देश में कहीं भी जाता है, तो अब उसे अपनी पहचान छिपानी नहीं पड़ती, बल्कि जब वह उत्तर प्रदेश का नाम लेता है, तो सामने वाले के चेहरे पर एक चमक होती है। यह उत्तर प्रदेश की नई पहचान बनी है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच प्रदेश में मात्र 26 करोड़ पेड़ लगाए गए थे। विगत 08 वर्षों में ही प्रदेश में 204 करोड़ वृक्षारोपण किए गए। प्रदेश सरकार, केन्द्र सरकार एवं अन्य अन्तरराष्ट्रीय संगठनों से सर्वे कराने के बाद यह बात सामने आयी कि इन पेड़ों में से 75 प्रतिशत से अधिक पेड़ आज भी जीवित हैं। यह पेड़ आज प्रदेश में वनाच्छादन बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान में एक विस्तृत कार्ययोजना बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस कार्य से जहां एक तरफ हम धरती माँ के प्रति अपने कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं, तो दूसरी तरफ अन्नदाता किसानों की आय को भी बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। जिस किसान ने भी 05 वर्ष तक अपने खेत की मेड़ पर लगाए गए वृक्ष को सुरक्षित रखा है, तो 05 वर्ष के बाद आकलन एवं रजिस्ट्रेशन करने के पश्चात उस किसान को प्रति पेड़ 06 डॉलर का भुगतान प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है। इससे किसान को अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो रही है। गत वर्ष प्रदेश सरकार ने 25 हजार किसानों को लगभग 32 लाख रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की थी। इस वर्ष लगभग 42 लाख रुपये की धनराशि अन्नदाता किसानों को वितरित होने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस अभियान के तहत प्रदेश सरकार द्वारा पुनरुद्धार की गई नदियों के तट पर, एक्सप्रेस-वे एवं सर्विस लेन के बीच एवं अमृत सरोवरों के पास वृक्षारोपण कराने का लक्ष्य तय किया गया है। आज यह कार्य बहुत ही उत्साह के साथ किया जा रहा है। अयोध्या में भारी बारिश के बाद भी हजारों लोग इस अभियान से जुड़े। आज गोरखपुर में चिलुआताल के इस स्थान पर भी यह कार्य सम्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि चिलुआताल का भी रामगढ़ताल की तरह पुनरुद्धार किया जाएगा।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद आज प्रदेश 05 लाख हेक्टेयर भूमि पर वृक्षारोपण करके देश का दूसरा राज्य बन चुका है। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बुन्देलखण्ड सहित पूरे प्रदेश में भी वृक्षारोपण किया गया, जिसका परिणाम यह हुआ कि जल संचय के कारण आज बुन्देलखण्ड में सूखे की स्थिति उत्पन्न नहीं होती और हर नल में पानी उपलब्ध रहता है। हर खेत में मेड़ और हर मेड़ में पेड़ अवश्य लगाएं और पेड़ों को लगाने के साथ-साथ उसकी रक्षा भी करें।

वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि सभी ने विगत माह में प्रचण्ड गर्मी को महसूस किया होगा। कहीं पर सूखा या बाढ़ जैसी दैवीय आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। यह सब जलवायु परिवर्तन के कारण ही हो रहा है। पेड़ों की कमी से कार्बन डाई ऑक्साइड बढ़ता है, जिसका मानव जीवन पर बुरा असर पड़ता है। प्रधानमंत्री जी ने एक पेड़ माँ के नाम का आह्वान कर मानवता को बचाने का कार्य किया और इसी कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार वृक्षारोपण का कार्य कर रही है। पेड़ वहीं लगाएं, जहां वह सुरक्षित रहे। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि एक पेड़ माँ के नाम अवश्य लगाएं और इस पवित्र कार्य से आने वाली पीढ़ी को संरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि हर खेत में मेड़ और हर मेड़ में पेड़ अवश्य लगाएं। इससे किसान 05 वर्ष अधिक समय वाले पेड़ के माध्यम से आय अर्जित कर सकता है। कार्बन उत्सर्जन को कम करके कार्बन क्रेडिट द्वारा 06 डॉलर अर्थात लगभग 500 रुपये प्राप्त होंगे।
कार्यक्रम को सांसद रवि किशन शुक्ल ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री के0पी0 मलिक सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।