योग मन,तन और आत्मा के मिलन का उत्सव है- आचार्य धनंजय चौहान

इन्द्रेश कुमार पटेल सहायक ब्यूरो
महराजगंज: आज पूर्व माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय जड़ार क्षेत्र पनियरा महराजगंज पर शांति कुंज हरिद्वार से पधारे समय दानी आचार्य धन्नजय चौहान ने 11वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मन , तन और आत्मा के मिलन का उत्सव है। योग सिर्फ़ आसन नहीं,बल्कि जीवन को संतुलित करने की कला है। सूर्योदय के साथ गहरी सांसें लेते हुए हम प्रकृति से जुड़ते हैं,आचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि योग हमें तनाव से मुक्ति देता है भारत देश योग की जननी है। यह योग भारत में विगत 5000 वर्षो से किया जा रहा है योग के जन्मदाता महर्षि पतंजलि है। इस योग को विगत 2015 से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 191 देशों में मनाया जा रहा है यह योग हर उम्र के, हर देश के लोगों को एक सूत्र में बांधता है उन्होंने बताया कि सुबह की पहली किरण में योग करने वाला हर व्यक्ति अपने भीतर की शक्ति को पहचानना शुरु कर देता है।

उन्होंने बताया कि 2025 अन्तराष्ट्रीय योग दिवस की थीम एक पृथ्वी,एक स्वास्थ के लिए योग है प्राचीन भारतीय अभ्यास का जश्न मनाने के लिए हर साल 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है,जो अपने अभ्यासकर्त्ताओं के शारीरिक और मानसिक कल्याण को बढ़ाने के लिए जाना जाता है बताया। तत्पश्चात विभिन्न प्रकार के योग अनुलोम-विलोम,भ्रामरी,हलासन,वृक्षासन,नौकासन,भस्त्रिका प्राणायाम,बटर फ्लाई,पद्म आसन सहित तमाम प्रकार के योगों का अभ्यास कराया एवं उसका लाभ बताया। इस योग कार्यक्रम में बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक प्रमोद कुमार पटेल,नागेन्द्र चौहान,शिक्षक राहुल कुमार पटेल,अजीत प्रताप सिंह,संदीप कुमार सिंह,बबिता साहनी,सेवानिवृत शिक्षक बृजलाल यादव,गायत्री, लालती ग्राम प्रधान मुनमुन प्रसाद मौजूद रहे।