जिलाधिकारी द्वारा जिला पोषण समिति की गई समीक्षा बैठक

संपादक नागेश्वर चौधरी
महराजगंज: जिले में पोषण ट्रैकर और ई-केवाईसी/एफआरएस कार्यों में शिथिलता अब संबंधित अधिकारियों-कर्मचारियों पर भारी पड़ने लगी है। जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने जिला पोषण समिति की समीक्षा बैठक में लापरवाह अफसरों की जमकर क्लास लगाई और खराब प्रदर्शन वाले केंद्रों की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों,के मुख्य सेविकाओं और बाल विकास परियोजना अधिकारियों का मानदेय/वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दे दिया। बैठक में सामने आया कि कई केंद्रों पर ई-केवाईसी व एफआरएस की कार्यवाही बेहद धीमी है। जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस कारण कोई लाभार्थी पुष्टाहार या अन्य योजनाओं से वंचित हुआ,तो संबंधित कर्मी के खिलाफ कठोर कार्रवाई तय है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की समीक्षा में भी गड़बड़ी पाई गई। डीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रथम बच्चे की दूसरी किस्त के आवेदन लंबित रहने का जिम्मा सीधे आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और बीडीपीओ पर है। 30 जून तक सभी लंबित मामलों का निस्तारण अनिवार्य रूप से किया जाए,अन्यथा सस्पेंशन तक की कार्रवाई हो सकती है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि 1 जुलाई 2025 से सिर्फ उन्हीं लाभार्थियों को पुष्टाहार मिलेगा,जिनका ई-केवाईसी/एफआरएस पूर्ण हो चुका है। इसी क्रम में समस्त सैम (गंभीर कुपोषित) बच्चों की तीन दिन में सूची प्रस्तुत करने का निर्देश भी जारी किया गया। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी,जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित सभी परियोजना प्रभारी उपस्थित रहे।