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आरपीआईसी स्कूल ने आयोजित किया प्रतिभा सम्मान समारोह

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मुन्ना अंसारी स्टेट ब्यूरो
महराजगंज: आर.पी.आई.सी. विद्यालय द्वारा आयोजित “प्रतिभा सम्मान समारोह” न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि यह उस सोच और दृष्टिकोण का प्रतीक भी था जो समाज में शिक्षा,मूल्य और प्रतिभा के प्रति सम्मान को दर्शाता है। इस अवसर पर विद्यार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया,और साथ ही बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोह लिया। ऐसा आयोजन समाज को प्रेरित करता है कि वह शिक्षा को केवल अंक प्राप्ति का माध्यम न समझे, बल्कि उसे एक समग्र व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया माने।
किसी भी समाज की उन्नति उसकी शिक्षा प्रणाली और उस पर आधारित मूल्यों से जुड़ी होती है। जब किसी संस्था द्वारा विद्यार्थियों का सम्मान सार्वजनिक रूप से किया जाता है, तो यह समाज में एक सकारात्मक संदेश देता है। यह न केवल उन बच्चों को प्रेरित करता है जिन्होंने उत्कृष्ट कार्य किया है, बल्कि अन्य बच्चों में भी परिश्रम की भावना जागृत करता है। यह साबित करता है कि प्रतिभा और प्रयास का सम्मान समाज अवश्य करता है।
समारोह में बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने एक जीवंत वातावरण का निर्माण किया। पारंपरिक नृत्य,गायन,नाटक,और समूह प्रस्तुतियाँ इस बात का प्रमाण थीं कि आज की पीढ़ी न केवल अकादमिक रूप से प्रगति कर रही है, बल्कि वह भारतीय संस्कृति और सभ्यता से भी जुड़ी हुई है। जब लोग इन प्रस्तुतियों पर झूम उठे,तो यह उनकी सांस्कृतिक चेतना और भावनात्मक जुड़ाव को भी दर्शाता है। ऐसे कार्यक्रम सामाजिक समरसता को बढ़ावा देते हैं। समारोह में आए सभी आगंतुकों का विद्यालय परिवार द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक संकेत है कि शिक्षा संस्थाएं न केवल विद्यार्थियों को पढ़ाती हैं,बल्कि समाज और अभिभावकों के साथ मजबूत संबंध भी बनाती हैं। आगंतुकों में अभिभावकों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित थे,जो यह दर्शाता है कि विद्यालय का आयोजन केवल एक निजी आयोजन नहीं,बल्कि सामुदायिक चेतना का हिस्सा था। विद्यालय के प्रबन्धक डॉ० पंकज तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि”प्रतिभा का सम्मान करना केवल एक आयोजन नहीं,बल्कि यह समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है,यह जीवन के हर पहलू में विद्यार्थियों को दक्ष बनाती है। हमारा प्रयास है कि हम हर विद्यार्थी में आत्मविश्वास,नेतृत्व और सामाजिक चेतना का विकास करें।”
डॉ. तिवारी के यह शब्द स्पष्ट करते हैं कि यह समारोह केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं,बल्कि एक सामाजिक संदेश था हर बच्चा विशेष है और यदि उसे सही अवसर और मार्गदर्शन मिले,तो वह समाज को नई दिशा दे सकता है।
आज जब समाज में नैतिक मूल्यों और शैक्षिक उद्देश्यों को लेकर अनेक प्रश्न खड़े हो रहे हैं, ऐसे आयोजनों की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। यह एक तरह से समाज को आत्मनिरीक्षण करने का अवसर देता है कि क्या हम प्रतिभा को सही मायनों में पहचान रहे हैं? क्या हम अपने बच्चों को केवल अंक और प्रमाणपत्र के पीछे दौड़ा रहे हैं या उनके भीतर छिपी कला,संस्कृति,नेतृत्व, सामाजिक चेतना को भी महत्व दे रहे हैं?विद्यालयों को केवल शिक्षा केंद्र नहीं,बल्कि व्यक्तित्व निर्माण और सामाजिक परिवर्तन के केंद्र के रूप में देखा जाना चाहिए। और आर.पी.आई.सी. विद्यालय द्वारा किया गया यह आयोजन इसी सोच को आगे बढ़ाता है।
प्रतिभा सम्मान समारोह केवल एक दिन का आयोजन नहीं,बल्कि समाज को दिशा देने वाला एक सामाजिक संकल्प है। यह विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा,अभिभावकों के लिए गर्व और समाज के लिए आशा का प्रतीक है। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम एक ऐसे भारत की कल्पना कर सकते हैं जहाँ शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी पाना न होकर एक जिम्मेदार,जागरूक और सशक्त नागरिक बनाना हो। इस प्रकार,आर.पी.आई.सी. विद्यालय द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल सराहनीय है, बल्कि समाज के लिए अनुकरणीय भी है।इस प्रतिभा सम्मान समारोह में जिला विद्यालय निरीक्षक,जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,धीरज तिवारी,देवेंद्र शुक्ला,अजय दुबे,अस्तित्व सिंह,बच्चन गौड़,सेंट जोसेफ स्कूल सिसवा चेयरमैन ओए जोसेफ,विवेक चौरसिया,अवधेश चौबे,निरंकार सिंह,राकेश शर्मा,कृष्ण मुरारी सिंह,सत्य प्रकाश तिवारी,एबी दास सोना सिंह,सतेंद्र सिंह,फणींद्र मिश्र,गोविंद मणि,रोशन मद्धेशिया व उमाशंकर जायसवाल सहित तमाम गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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