नई दिल्ली

पति जिंदा पर विधवा पेंशन का लाभ,दिल्ली में 60 हजार महिलाओं को गलत मिल रहा पैसाः सर्वे

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संपादक नागेश्वर चौधरी
दिल्ली: दिल्ली में हाल ही में किए गए एक सरकारी सर्वे में संकटग्रस्त महिलाओं के लिए मासिक पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पाई गई हैं। यहां करीब 60,000 महिलाएं पेंशन के लिए अयोग्य पाई गई हैं।
राजधानी दिल्ली में हाल ही में किए गए एक सरकारी सर्वे में संकटग्रस्त महिलाओं के लिए मासिक पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पाई गई हैं। यहां करीब 60,000 महिलाएं पेंशन के लिए अयोग्य पाई गई हैं। अफसरों ने बताया कि कई मामलों में कुछ लाभार्थी महिला उनके पति के जिंदा रहते हुए भी गलत ढंग से विधवा पेंशन ले रही थीं। वहीं कुछ महिलाएं ऐसी थीं जिन्होंने विधवा होने के बाद दोबारा शादी कर ली थी, लेकिन उन्होंने अपने नाम लिस्ट से नहीं हटवाए। अफसरों ने बताया कि नवंबर 2024 में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिल्लीभर में किए गए एक सर्वे के दौरान भी कई लाभार्थियों के क्रेडेंशियल नहीं मिले।
दिल्ली सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनेफिट टूरांसफर के माध्यम से संकटग्रस्त महिलाओं (विधवा पेंशन) को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसका मकसद 18 साल से अधिक उम्र की विधवाओं, तलाकशुदा, अलग रह रही, छोड़ी गई या निराश्रित महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है, जिनके पास जीविका का कोई पर्याप्त साधन नहीं है और जो गरीब व जरूरतमंद हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 2007 की योजना के तहत 350,000 रजिस्टर्ड लाभार्थी थे। इस मामले से अवगत एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सभी अपात्र लाभार्थियों के नाम अब सूची से हटा दिए गए हैं।

सभी अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाए गए
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा,”हमें पता चला है कि करीब 60,000 रजिस्टर्ड लाभार्थी पेंशन के लिए पात्र नहीं थे उनमें से कई विधवा नहीं थीं, लेकिन व पेंशन ले रही थीं। कुछ मामलों में, विधवाओं ने दोबारा शादी कर ली, लेकिन उनके नाम नहीं हटे। हमने ऐसे सभी लाभार्थियों के नाम हटा दिए हैं, जिससे उन्हें आगे पेंशन जारी नहीं हो पाएगी।”
अधिकारी ने कहा कि जिला स्तर पर और कैटेगरीवाइज अपात्र लाभार्थियों की डिटेल अभी उपलब्ध नहीं है। अधिकारी ने कहा,”इस मामले में आगे की कार्रवाई के बारे में विभाग निर्णय लेगा।”

डोर टू डोर जाकर किया वेरिफेकेशन
नवंबर 2024 में सरकार ने डोर टू डोर वेरिफेकेशन अभियान शुरू किया था, जिसके तहत आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने 11 राजस्व जिलों में लाभार्थियों के घरों पर जाकर उनकी डिटेल का वेरिफिकेशन किया। योजना के पात्रता मानदंड में कहा गया है कि महिला लाभार्थी की वार्षिक आय 1 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए और आवेदक को कम से कम पांच साल से दिल्ली का निवासी होना चाहिए।
विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि वेरिफिकेशन अभियान एक सतत प्रक्रिया है और यह नियमित रूप से चलाया जाता है। अधिकारी ने कहा, “लाभार्थियों को आगे आना चाहिए और अपनी स्थिति में बदलाव होने पर विभाग को घोषणा के माध्यम से सूचित करना चाहिए, जैसे कि जब कोई विधवा दोबारा करती है, ताकि योजना का लाभ केवल जरूरतमंदों तक पहुंचे।”

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