आरोपी या दोषी का घर गिराना भी गलत…,बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने खींच दी लक्ष्मण रेखा


संपादक नागेश्वर चौधरी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि यह कानून का उल्लंघन है। किसी मामले पर आरोपी होने या दोषी ठहराए जाने पर भी घर तोड़ना सही नहीं है। कोर्ट ने कहा कि कानून का राज होना चाहिए। बुलडोजर एक्शन पक्षपातपूर्ण नहीं हो सकता। गलत तरीके से घर तोड़ने पर मुआवजा मिलना चाहिए। जिम्मेदार अधिकारियों को छोड़ा नहीं जाना चाहिए। हमने सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश दिया है। हमने विशेषज्ञों के सुझावों पर विचार किया है।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बुलडोजर एक्शन का मनमाना रवैया बर्दाश्त नही होगा। अधिकारी मनमाने तरीके से काम नहीं कर सकते। अगर किसी मामले में आरोपी एक है तो घर तोड़कर पूरे परिवार को सजा क्यों दी जाए? पूरे परिवार से उनका घर नहीं छीना जा सकता। बुलडोजर एक्शन दरअसल कानून का भय नहीं होने को दर्शाता है।