राष्ट्रीयलखनऊ

मीट कारोबारियों के नकद 1200 करोड़ रुपये का नहीं मिला हिसाब

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संपादक नागेश्वर चौधरी
लखनऊ। मीट कारोबारियों के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों के बाद हुई जांच में कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। मीट कंपनियों ने 1200 करोड़ रुपये की नकदी कहां खपाई,इसका पता ही नहीं चल सका। इसके अलावा विभाग की ओर से उच्चाधिकारियों को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट में कहा गया कि ये कंपनियां कश्मीर की निजी सुरक्षा एजेंसियों की सेवाएं ले रही हैं,जिनकी भूमिका संदिग्ध है। ये देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है,लिहाजा इसकी उच्चस्तरीय जांच जरूरी है। आयकर विभाग ने दिसंबर 2022 में बरेली के मारिया ग्रुप,रहबर ग्रुप,अल-सुमामा ग्रुप,लखनऊ एवं उन्नाव के रुस्तम ग्रुप और आगरा के एचएमए ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारा था। यहां मिले दस्तावेजों की करीब एक साल तक हुई पड़ताल में सामने आया कि संभल के प्रवीण रस्तोगी ने मीट कंपनियों को मनी लांड्रिंग के जरिए 524 करोड़ रुपये नकद दिए। रहबर ग्रुप की 68 करोड़ की काली कमाई का खुलासा भी हुआ। रुस्तम ग्रुप का 535 करोड़ रुपये और मारिया ग्रुप की 102 करोड़ रुपये की बोगस बिक्री का पता चला। विभाग ने रिपोर्ट में 1200 करोड़ रुपये की रकम को संदिग्ध गतिविधियों में खपाने में आशंका जताई है।

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