

प्रांजल केसरी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को रोकने के उपायों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने मामले को सुना। इस दौरान जस्टिस ओका ने फटकार लगाते हुए पूछा कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) तंत्र को लागू करने में देरी क्यों हुई? आप ऐसे मामलों में जीआरएपी को अमल में लाने में देरी करने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं? दिल्ली सरकार क्या कर रही थी? सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि दिल्ली एनसीआर में GRAP-3 लागू करने में 3 दिन की देरी क्यों हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक आदेश पारित करने का प्रस्ताव कर रहा है कि अधिकारी अदालत की अनुमति के बिना GRAP चरण 4 से नीचे नहीं जाएंगे, भले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से नीचे चला जाए। इस पर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि GRAP-4 आज से लागू हो गया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया और कहा कि आज बोर्ड की बैठक के अंत में इस पर फिर से विचार करेगा।