फोर लाइन सड़क के निर्माण के दौरान मुआवजा नहीं मिलने को लेकर व्यापारियों का फूटा आक्रोश


ब्यूरो चीफ शोएब
चंदौली: जनपद के सकलडीहा बाजार में चंदौली से सैदपुर जाने वाली फोर लाइन सड़क के निर्माण के दौरान व्यापारियों की जमीन जा रही है उसके मुआवजे नहीं मिलने को लेकर व्यापारियों का आक्रोश सोमवार को फूट गया। व्यापारियों का आरोप है कि बिना मुआवजा दिए ही उनकी दुकानों को तोड़ने और हटाने का काम किया जा रहा हैं। जिसको रोकते हुए व्यापारियों ने मुआवजे को तत्काल देने के लिए धरने पर बैठे हैं। चंदौली जनपद के जिला मुख्यालय से लेकर सैदपुर गंगा घाट तक 29 किलो मीटर की स्टेट हाईवे के निर्माण के दौरान सकलडीहा बाजार में बीच सड़क से 40-40 फुट की जगह दोनों तरफ से लिया जा रहा है,जिसमें व्यापारियों की निजी जमीन भी जा रही है। इस जमीन के बदले में उनको मुआवजा देने की बात कही गई थी। लेकिन अभी तक उनको मुआवजा नहीं मिला है,जिसको लेकर वह बहुत आक्रोशित है।व्यापारियों का आरोप है कि निर्माण कार्य करा रही एजेंसी और पीडब्ल्यूडी विभाग बिना मुआवजे दिए ही जबरदस्ती उनके जमीन पर सड़क बनवाया जा रहा है,जब तक मुआवजे की राशि नहीं मिलेगी तब तक अपनी जमीन हम लोग नहीं छोड़ेंगे उसके लिए हम लोग जितनी भी कठिनाईया झेलनी पड़ेगी उसके लिए हम लोग तैयार है। हम लोगों का आंदोलन लगातार चलेगा,इस मुहिम में कांग्रेस पार्टी सहित अन्य संगठन भी व्यापारियों के सहयोग में उतर गया हैं।वही कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र सिंह मुन्ना भी व्यापारियों के साथ धरने पर बैठ कर उनकी मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से अभिलंब सड़क के किनारे निर्माण के दौरान जितने लोगों की जमीनी जा रही है उनके मुआवजा को देने की मांग रखी।
पीडब्ल्यूडी विभाग का दावा-सूचना के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिसासी अभियंता राजेश कुमार भी मौके पर पहुंच गए और व्यापारियों के रखे गए तीन मांगों को स्वीकार करते हुए तीन दिन के अंदर उसे पर पहल करने का आश्वासन देकर धरना को समाप्त कराया। 3 दिन के अंदर व्यापारियों के जमीनों के मूल्यांकन चिन्हित किए जाएंगे उसके बाद मुआवजा के बाद कार्य होगा। बाजार में गंदे नाले पर पुलिया बनाने तथा दोनों तरफ जल जीवन मिशन की पाइप लाइनों को भी शिफ्ट करने की मांग की गई,सभी पर अधिशासी अभियंता ने आश्वासन दिया है। इस दौरान व्यापार मंडल के अध्यक्ष कृष्णा सेठ व दिलीप गुप्ता कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र सिंह मुन्ना सहित कस्बा के अन्य व्यापारी शामिल रहे।