आपदा से होनेवाले नुकसान को कम किया जा सकता है : प्रो संतोष

संदीप द्विवेदी वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली,22 अप्रैल। जानेमाने आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ एवं इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटी एंड सेफ्टी मैनेजमेंट (आईआईएसएसएम) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रो संतोष कुमार ने कहा कि यह सच है कि आपदा को टाला नहीं जा सकता है लेकिन सजगता से आपदा से होनेवाले जान-माल के नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है।
प्रो संतोष आज यहाँ कांस्टीट्यूशन क्लब में देशभर से जुटे आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित पहाड़ी क्षेत्रों में हम 3-4 हजार करोड़ का निवेश तो गर्व से करते हैं लेकिन आपदा प्रबंधन पर सौ करोड़ खर्च करने में कंजूसी कर जाते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार के भरोसे रहकर आपदा प्रबंधन नहीं किया जा सकता। लेकिन सरकार को साथ लेकर सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के सहयोग से ऐसा किया जा सकता है।
प्रो संतोष ने कहा कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत के विजन को प्राप्त करने के लिए आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन पर सरकार के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। आईआईएसएसएम इस दिशा में संकल्पित है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेन्द्र सिंह ने बताया कि मौजूदा सरकार ने आपदा प्रबंधन के बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की है। यही कारण है कि अब आपदा के समय राहत कार्य बहुत तेज गति से हो रहा है। अवकाश प्राप्त आईएएस अनिल सिन्हा ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में आपदा प्रबंधन को लेकर बहुत काम नहीं हुआ है। आईआईएसएसएम इस दिशा में बहुत अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका स्तर तक आपदा प्रबंधन की सुविधाओं को बढ़ावा देने की जरूरत है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को दक्षिण कोरिया स्थित संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय के प्रमुख संजय भाटिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपदा को टालने के लिए उसके रिस्क को कम करना चाहिए। इसके लिए आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वालों को समय-समय पर प्रशिक्षण लेते रहना चाहिए। इस दिशा में कई संस्थाएं काम कर रही हैं। मानवता की रक्षा के लिए सभी को मिलजुल कर काम करने की जरूरत है। कार्यक्रम को नेपाल स्थित सूर्योदय संस्था के प्रमुख मेयर रायबहादुर ने भी संबोधित किया।