रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण से बनी जाम की समस्या यात्री परेशान

उप संपादक शत्रुघ्न प्रजापति
महराजगंज। बृजमनगंज कसबा सैकड़ों वर्ष पुराना है अंग्रेजों का बसाया गया। जिसके नाम पर आज भी रेलवे स्टेशन का नाम बृजमनगंज हैं।रेलवे स्टेशन की दूरी कस्बे से मात्र 200 मीटर हैं।अंग्रेजी हुकूमत मे बना रेलवे स्टेशन हैं।बृजमनगंज चौराहे से रेलवे स्टेशन तक जाने वाले मार्ग पर प्रतिदिन अगल बगल सैकड़ों दुकानदार पान,मिठाई,फल,ठेले,चाट लगाकर सुबह से रात्रि 10 बजे तक अपने ब्यापार मे मशगूल रहने के कारण ट्रेन से यात्रा करने वाले वाले यात्रियों को ट्रेन पकड़ने मे काफी असुविधा होती हैं। कभी कभी लोगों की ट्रेन तक छूट जाती हैं।बताते चलें कि जिस भूमि पर यह लोग अपनी दूकान जमा कर बैठे हैं वह रेलवे की भूमि हैं रेलवे की 20 फुट भूमि बायें और20 फुट दायें रेलवे का पत्थर लगा हुआ है।परंतु इन लोगों द्वारा रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण होने के कारण रेल विभाग में राजस्व की हानि हो रहा है।स्थानीय एक ब्यक्ति ने जब एक दुकानदार को कहा कि यहां से दुकान हटा लो तो दुकानदार लडाई करने पर उतारू हो गया कहने लगा कि तुमसे कौन हो बोलने वाले मैं रेलवे की जमीन में दुकान लगाया हूं।यहां के स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा कई बार दुकानदारों को हिदायत भी दिया गया कि पटरी के अंदर दुकान लगायें वर्ना चालान काट दिया जायेगा।परंतु पुलिस प्रशासन का भी कोई असर नहीं पड़ रहा है।ऐसा प्रतीत होता है कि रेलवे विभाग के लोगों की मिलीभगत से इन लोगों का धंधा फलफूल रहा है।यदि समय रहते रेलवे के उच्च अधिकारी इस समस्या का निदान नहीं करेंगे तो रेल विभाग को ऐसे ही नुकसान झेलते रहना पडेगा।