उत्तर प्रदेशलखनऊ

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन व जोन स्तर के अधिकारियों के साथ राज्य कर विभाग के कार्यों की समीक्षा की

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प्रांजल केसरी न्यूज एजेंसी
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन व जोन स्तर के अधिकारियों के साथ राज्य कर विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि कर संग्रह में पारदर्शिता,तकनीकी दक्षता और प्रभावी प्रवर्तन की नीति अपनायी जाए। शेल कम्पनियों और अवैध रूप से पंजीकृत फर्मों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्यवाही की जाए। कर चोरी के कृत्य व्यापारी बन्धुओं की सुविधाओं में सेंध लगाने का प्रयास है,जो अक्षम्य है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कर चोरी एक राष्ट्रीय अपराध है। इससे राज्य की विकास योजनाओं तथा लोककल्याणकारी कार्यक्रमों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (जीएसटी) उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है,इसलिए जहां अधिक जनसंख्या है,वहां से अपेक्षाकृत अधिक कर प्राप्त होना स्वाभाविक है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ऐसे जोन जहां कर संग्रह औसत से कम है, वहां विशेष रणनीति बनाकर कार्य किए जाएं। सेण्ट्रल जीएसटी (सीजीएसटी) के अंतर्गत पंजीकृत संदिग्ध फर्मों की जानकारी केंद्र को भेजी जाए ताकि उनका पंजीकरण निरस्त हो सके। वहीं स्टेट जीएसटी (एसजीएसटी) के अंतर्गत पंजीकृत फर्मों की विभागीय स्तर पर गहन जांच की जाए तथा अनियमितता मिलने पर फर्म का पंजीकरण निरस्त कर एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने सभी नई पंजीकृत फर्मों के स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,75,725 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष माह अप्रैल-मई, 2025 में अब तक 18,161.59 करोड़ रुपये का जी0एस0टी0 और वैट संग्रहित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री जी ने इसकी सराहना करते हुए लक्ष्य प्राप्ति की कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने लखनऊ,अयोध्या,बरेली,आगरा,गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर,मेरठ,झांसी और सहारनपुर सहित लगभग 14 ज़ोन में 60 प्रतिशत या उससे अधिक लक्ष्य पूर्ति को सराहनीय बताया। वहीं वाराणसी जोन प्रथम,प्रयागराज,कानपुर जोन द्वितीय,इटावा, अलीगढ़ और मुरादाबाद जैसे ज़ोन में 50 प्रतिशत से कम कर संग्रह की तत्काल व्यापक समीक्षा के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यालय स्तर से कम कर संग्रह वाले क्षेत्रों की विशेष रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाए, जिसे शासन, फील्ड एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर गहनता से विश्लेषित करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजस्व केवल आंकड़ा नहीं,बल्कि विकास की आधारशिला है,इसलिए हर अधिकारी को अपनी भूमिका को ज़िम्मेदारी और संवेदनशीलता से निभाना चाहिए। जिन क्षेत्रों में कर संग्रह की स्थिति कमजोर है, वहां के एडिशनल कमिश्नर,ज्वाइंट और डिप्टी कमिश्नर स्तर के अधिकारी स्वयं व्यापारियों से संवाद करें और करदाता समुदाय में विश्वास,सहयोग और अनुपालन की भावना विकसित करें।

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