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सुप्रीम कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए अब मौखिक उल्लेख अमान्य

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प्रांजल केसरी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि मामलों की तत्काल लिस्टिंग और सुनवाई के लिए कोई मौखिक प्रस्तुतियां स्वीकार नहीं की जाएंगी। वकीलों को इसके लिए ईमेल या लिखित पत्र भेजने होंगे। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खन्ना ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि अब मौखिक प्रस्तुतियां स्वीकार नहीं होंगी। सिर्फ ईमेल या लिखित पर्ची के जरिये ही ऐसा किया जा सकेगा। इसमें तत्काल सुनवाई का कारण बताना होगा। जस्टिस खन्ना ने न्यायिक सुधारों के लिए नागरिक केंद्रित एजेंडा की रूपरेखा बनाई है। उन्होंने कहा,नागरिकों को उनकी स्थिति की परवाह किए बिना न्याय तक आसान पहुंच और समान व्यवहार सुनिश्चित करना न्यायपालिका का सांविधानिक कर्तव्य है। आमतौर पर वकील दिन की कार्यवाही की शुरुआत में सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष अपने मामलों का उल्लेख करते हैं,ताकि मामलों की बारी से पहले लिस्टिंग और सुनवाई की जा सके।

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