पाकिस्तानी सेना के 12 सदस्यीय दल काठमांडू पहुंचे,नेपाली संसद में दौरे को लेकर विरोध शुरू

संपादक नागेश्वर चौधरी
काठमांडू: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच नेपाल में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिनिधिमंडल के दौरे को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। एक तरफ जहां पाकिस्तानी सेना का 12 सदस्यीय दल काठमांडू पहुंचा है,तो वहीं दूसरी ओर नेपाल की संसद में इस दौरे का विरोध शुरू हो गया है। सांसदों ने सवाल खड़ा किया है कि भारत-पाक तनाव के इस संवेदनशील समय में नेपाल सरकार इस दौरे को अनुमति देकर किस प्रकार का संदेश दे रही है।
जानकारी के मुताबिक,नेपाली सेना के मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार,यह पाकिस्तानी सैन्य दल रविवार को छह दिवसीय अध्ययन दौरे पर नेपाल पहुंचा है। इस दौरे के तहत दल के सदस्य न सिर्फ सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेंगे,बल्कि काठमांडू और आसपास के विभिन्न सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों का भी दौरा करेंगे। हालांकि इस दौरे का मकसद पारंपरिक सैन्य सहयोग और सांस्कृतिक समझ को बढ़ाना बताया जा रहा है,परंतु इसके समय को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।
नेपाल की संसद में स्वतंत्र सांसद अमरेश कुमार सिंह ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है और युद्ध की आशंका जताई जा रही है,तब पाकिस्तान की सेना के एक प्रतिनिधिमंडल को नेपाल बुलाकर सरकार किस तरह का संदेश देना चाहती है? उन्होंने सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की कि क्या इस दौरे से नेपाल की तटस्थ विदेश नीति पर असर नहीं पड़ेगा।
सांसद का यह बयान नेपाल की विदेश नीति और क्षेत्रीय संतुलन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। नेपाल पारंपरिक रूप से गुटनिरपेक्ष और संतुलित विदेश नीति का पक्षधर रहा है,लेकिन इस दौरे को लेकर उठे सवाल यह संकेत देते हैं कि देश के भीतर भी इस नीति को लेकर मतभेद हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत-नेपाल संबंधों में पहले से ही कुछ मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है। ऐसे में पाकिस्तानी सैन्य दल की मेहमाननवाज़ी करना काठमांडू की ओर से एक विवादास्पद कदम माना जा रहा है,जो भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों को प्रभावित कर सकता है।