महाकुंभ 2025: कुंडीय यज्ञशाला में सवा तीन करोड़ दी जाएगी आहुतियां,अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने किया उद्घाटन

मुन्ना अंसारी राज्य ब्यूरो
प्रयागराज: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ का पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ आगाज हो गया है। प्रयागराज में माघ कृष्ण द्वितीया को एक ऐतिहासिक आयोजन का शुभारंभ हुआ। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गो माता की रक्षा और प्रतिष्ठा के लिए एक महीने तक चलने वाले विशाल गो प्रतिष्ठा महायज्ञ का उद्घाटन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में धर्मप्रेमी और श्रद्धालु उपस्थित रहे।
324 कुंडीय की खासियत
कुंभ मेला क्षेत्र में स्थापित 324 कुंडीय यह यज्ञशाला अपने आप में अनूठी है। वैदिक परंपरा के अनुसार निर्मित इस यज्ञशाला में एक माह के दौरान सवा तीन करोड़ आहुतियां दी जाएंगी। वेदपाठी आचार्यों के मार्गदर्शन में यह अनुष्ठान प्रारंभ हुआ है। यह यज्ञशाला कुंभ मेला क्षेत्र की अब तक की सबसे बड़ी यज्ञशाला है,जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
सनातनियों की रक्षा का संकल्प
शंकराचार्य के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शैलेन्द्र योगिराज सरकार ने बताया कि आमतौर पर 108 कुंडीय यज्ञशालाएं तो देखने को मिलती हैं,लेकिन 324 कुंडों वाली इतनी विशाल यज्ञशाला बेहद कम है। इस महायज्ञ का मकसद गौ माता की रक्षा,सनातन धर्म की रक्षा और समस्त सनातनियों की रक्षा का संकल्प है। एक महीने तक चलने वाला आयोजन प्रयागराज कुंभ 2025 का एक प्रमुख आकर्षण बनने जा रहा है।