नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का किया गया आयोजन


मुन्ना अंसारी राज्य ब्यूरो
गोरखपुर। मुख्य चिकित्साधिकारी बस्ती के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौर,बस्ती के प्रांगण में आज दिनांक 7 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को प्रातः 10:00 बजे से शाम 3:00 बजे तक हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान,गीता वाटिका,गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। व्यापक ठंड होने के बावजूद इस शिविर में दिखाने आए 132 मरीजों की कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ.सी.पी.अवस्थी ने सहायक चिकित्सक डॉ.राकेश श्रीवास्तव के सहयोग से उनमें कैंसर संबंधित लक्षण की जांच कर उचित परामर्श देकर उन्हें निशुल्क दवाई दी। कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण के दुर्दांत रोग कैंसर के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और आए सभी लोगों को बुलाकर कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इन्हें डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और इसके पीछे कुछ संरचनात्मक कारक जिम्मेदार हैं। खराब जीवन शैली से कैंसर की संभावना बढ़ जाती है,जैसे धूम्रपान तम्बाकू, गुटका,शराब,जंक फूड आदि का सेवन करना,कैंसर पैदा करने वाले रसायन (कार्सिनोजेन्स),मोटापा,हार्मोन,पुरानी सूजन और व्यायाम की कमी आदि,ये सभी बीमारी का कारण बन सकते हैं। पर्यावरण भी एक कारक है। बड़े पैमाने पर प्रदूषण,कूड़ा-करकट और निर्माण उपकरण से उड़ने वाले सूक्ष्म कण भी फेफड़े के लिए खतरनाक होते हैं। हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस सी वायरस से लंबे समय तक रहने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इससे संक्रमित होने पर पित्त नली के कैंसर का खतरा होता है। शिविर प्रबंधक अजय श्रीवास्तव ने सभी लोगों की जिज्ञासाओं को दूर करते हुए कहा कि बहुत से लोगों को पता ही नहीं होता कि वे कैंसर से पीड़ित हैं। जब तक उन्हें पता चलता है, कैंसर स्टेज 4 तक पहुंच चुका होता है जो एक उन्नत कैंसर है। इसका मतलब है कि कैंसर अपने मूल स्थान से परे और शरीर के अन्य क्षेत्रों में फैल गया है। स्टेज 4 कैंसर आमतौर पर इलाज योग्य नहीं है, लेकिन उपचार से समग्र अस्तित्व और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इसलिए अगर कैंसर होने की दुविधा हो तो झाड़-फूंक के लिए बाबा/हकीम को दिखाने में समय बर्बाद न कर तुरंत कैंसर चिकित्सक को दिखाएं ताकि अगर यह कैंसर है तो इसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सके। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे और अधिक लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।
शिविर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ.आनन्द मिश्रा,डॉ.प्रवीण पटेल,अचजीत कुमार,डॉ.राकेश श्रीवास्तव,डॉ. सुमित,डॉ.जे.पी.कुशवाहा,अजय श्रीवास्तव,रंजीत,उमेश,सन्तोष श्रीवास्तव,सत्यवती तिवारी,अतुल पांडेय,नारद मुनि,रामसूरत सिंह,स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य बहुत ही प्रशंसनीय योगदान रहा।