होली के दिन ही निचलौल,बृजमनगंज और घुघली ब्लॉक में हुआ बड़ा खेल,प्रशासन मौन

मुन्ना अंसारी राज्य ब्यूरो
महराजगंज। उत्तर प्रदेश के जनपद महराजगंज के निचलौल,बृजमनगंज,घुघली ब्लाक का मामला सुर्खियों में है सुत्रों की मानें तो जब पूरा देश होली के रंग में डूबा था,तब उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के तीन ब्लॉकों-निचलौल,बृजमनगंज और घुघली में मनरेगा के तहत बड़ा घोटाला किया गया। इन ब्लॉकों में 14 मार्च 2025 को 980 मजदूरों का फर्जी अटेंडेंस दर्ज कर लाखों रुपये का गबन किया गया। खासतौर पर निचलौल ब्लॉक इस भ्रष्टाचार में सबसे आगे रहा,जहां 889 मजदूरों की फर्जी हाजिरी दर्ज की गई। मनरेगा मजदूरों की हाजिरी पर खेल,लाखों का गबन। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,महराजगंज के इन तीन ब्लॉकों में 2,25,400 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया।
कैसे हुआ घोटाला?
बृजमनगंज ब्लॉक: ग्राम सभा बड़ा हरा में एक ही कार्यस्थल पर एक मस्टर रोल में तीन मजदूरों की हाजिरी लगाई गई।
घुघली ब्लॉक: ग्राम सभा लक्ष्मीपुर महंत में एक ही कार्यस्थल पर 13 मस्टर रोल बनाकर 88 मजदूरों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर दी गई।
निचलौल ब्लॉक: इस ब्लॉक ने भ्रष्टाचार में सबसे आगे रहते हुए आठ गांवों अमड़ी भेड़ीहारी,करदह,ओडवलियां,रामचंद्रही रूदौली,सिधावें, टिकुलहिया आदि में 889 मजदूरों का फर्जी अटेंडेंस दिखाकर लाखों रुपये डकार लिए।
होली के दिन जब पूरा देश जश्न मना रहा था,तब हुआ खेल
होली के दिन जब लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खुशियां मना रहे थे,तब इन भ्रष्टाचारियों ने मनरेगा फंड से लाखों रुपये हड़पने की योजना बनाई। NMMS ऐप के जरिए उपस्थिति दर्ज कर मजदूरों का फर्जी अटेंडेंस लगाया गया,ताकि बिना किसी परेशानी के सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा सके।
पहले भी होते रहे हैं ऐसे घोटाले,अधिकारी बचाने में जुटे
यह कोई पहली बार नहीं है जब महराजगंज में मनरेगा से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। पहले भी कई बार इस तरह की गड़बड़ियां सामने आई हैं, लेकिन ब्लॉक और जिला स्तर के अधिकारी दोषियों को बचाने में लगे रहते हैं। हर बार जांच की बात होती है, लेकिन अब तक किसी पर भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
विभाग क्या करेगा – कार्रवाई या लीपापोती?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या इस घोटाले के बाद दोषियों पर कोई कड़ी कार्रवाई होगी या फिर प्रशासन इसे नजरअंदाज कर देगा? क्या जिला अधिकारी और ब्लॉक अधिकारी इस भ्रष्टाचार पर सख्त कदम उठाएंगे या सिर्फ एक औपचारिक जांच करके मामले को दबाने की कोशिश करेंगे? अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस फर्जीवाड़े को लेकर क्या कदम उठाते हैं। क्या यह एक और घोटाला बनकर दब जाएगा,या फिर दोषियों को सजा मिलेगी?