अच्छे संस्कार से ही मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण और विकास होता- राघव कुमार

प्रांजल केसरी
सोनौली। आज दिनांक 19 अप्रैल 2025 को सरस्वती संस्कार केंद्र का वार्षिकोत्सव उत्सव मैरिज हाल सोनौली मां सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्षार्चन से प्रारम्भ हुआ। सुरेश विश्वकर्मा प्रधानाचार्य सरस्वती विद्या मंदिर सभी अतिथियों का स्वागत एवं परिचय कराया। इस कार्यक्रम में अशोक गुप्ता जिला मंत्री,गोपाल शिक्षा समिति महराजगंज,राघव कुमार विशिष्ट अतिथि ने संस्कार केंद्र महत्व पर विस्तार बताया कि समाज परिवर्तन करने का माध्यम सेवा कार्य गाँव-गाँव में शिक्षा,स्वास्थ्य,स्वावलम्बन,समाजिक समरसता,संस्कृति,देशभक्ति का भाव संस्कार केंद्र द्वारा दिया जाता है।

शिक्षा मनुष्य के जीवन का सबसे कीमती तोहफा है,जो व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा दोनों बदल देती है और संस्कार मनुष्य के जीवन का सार हैं। अच्छे संस्कारों द्वारा ही मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण और विकास होता है और जब मनुष्य में शिक्षा और संस्कार दोनों का विकास होगा,तभी वह परिवार,समाज और देश का विकास कर सकेगा। परन्तु आज के समय में शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही सीमित रह गई है, जबकि शिक्षा का असली उद्देश्य चारित्रिक ज्ञान है,जो आज की इस भागदौड़ वाली जिंदगी में हम भूल चुके हैं।

आज के माता-पिता और शिक्षकों का यह कर्तव्य होना चाहिए कि बच्चों को सदा सच्चाई के मार्ग पर चलना सिखाएं,उन्हें दूसरों की मदद के लिए प्रेरित करें,माता-पिता,शिक्षक और बड़ों का सम्मान करना सिखाएं,ईश्वर पर विश्वास रखना सिखाएं,उन्हें सहनशील,कर्तव्यनिष्ठ बनाएं तथा सभी से प्रेमपूर्वक व्यवहार करना सिखाएं। मनुष्य अपने जीवन में जो डिग्री हासिल करता है वह सिर्फ एक कागज का टुकड़ा मात्र है,जबकि व्यक्ति की असली डिग्री उसके संस्कार हैं, जो उसके व्यवहार में झलकते हैं। प्राचीन काल से ही भारत में संस्कारों का पाठ पढ़ाया जा रहा है।