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जाने क्या है? होलिका दहन का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व

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सुधीर कुमार मिश्रा समाचार संपादक
लखनऊ। होलिका दहन का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन आज 13 मार्च 2025 को किया जाएगा। आज के दिन पुरानी समस्याओं को अग्नि में भस्म कर नए साल की शुरुआत की जाती है।

होलिका दहन पर भद्रा का साया
होलिका दहन का मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण है,ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया रहने वाला है। 13 मार्च को सुबह 10:36 बजे से रात 11:28 बजे तक भद्रा रहेगी। कहा जाता है कि भद्रा के अशुभ काल में पूजा-पाठ,हवन,जाप जैसे शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इसमें होलिका दहन करने से भी बचना चाहिए।

होलिका दहन का मुहूर्त
ज्योतिषविदों के मुताबिक आज 13 मार्च रात 11:26 बजे तक भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में 11:28 बजे के बाद ही होलिका दहन करना उचित रहेगा। हिंदू पंचांग के मुताबिक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 11:27 बजे से लेकर मध्य रात्रि 12:15 बजे तक रहने वाला है। दहन के लिए सिर्फ़ 47 मिनट का समय मिलेगा।

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